सकट पशु चिकित्सालय के डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि उष्ट्र संरक्षण योजना के अंतर्गत सरकार की ओर से ऊंट पालकों को ऊंटों के टोर्डियों के लिए 10 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसी के तहत ऊंट पालकों को टोर्डियों के लिए प्रथम किश्त के रूप में 5 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। ऊंट पालकों को दी जाने वाली सहायता राशि को लेकर गांव राजपुर बड़ा में 40 ऊष्ट्र पलकों के 450 ऊंट इकठ्ठे हुए। जिनका जिलाधिकारी डॉ. मुरारी लाल मीणा संयुक्त निदेशक अलवर की ओर से ऊंटों के 80 टोर्डियों का रैंडम सर्वे कर फिजिकल वेरिफिकेशन किया। जिसके पश्चात जल्द ही इनको प्रथम किश्त का भुगतान जिला स्तर से किया जाएगा।
प्रदेशभर में सर्रा रोग के नियंत्रण का एक दिवसीय कार्यक्रम 13 दिसंबर को होगा साथ ही सरकार की ओर से 13 दिसंबर को संपूर्ण राजस्थान में एक साथ ऊंटों में होने वाले सर्रा रोग के नियंत्रण का एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित होगा। इसी के तहत राजपुर बड़ा गांव में भी सर्रा रोग के नियंत्रण के लिए एक दिवसीय शिविर आयोजित होने की जानकारी संयुक्त निदेशक डॉ. मुरारी लाल ने पशुपालकों को दी गई।
शिविर में इस रोग से संबंधित सभी दवा नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार की ओर से 10 हजार रुपए की दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 20 हजार रुपए की गई है, जो इस वित्तीय वर्ष से शुरू होगी। इस मौके पर ऊंटपालक लीलू रैबारी ने सरकार की योजना और स्थानीय पशुपालन प्रशासन की बहुत सराहना की। टोरडियों के भौतिक सत्यापन के दौरान डॉ. शैलेंद्र गुप्ता, प्रभारी पशु चिकित्सालय सकट , ऋषि राज, कमलेश मीना वी, तेजराम मीना एलएसए, नवरतन हरिजन मौजूद रहे।