अलवर

Rajasthan Bypoll: संजय शर्मा-टीकाराम जूली की साख दांव पर, इनको मिल सकता है मौका; जानें

अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी है।

अलवरOct 17, 2024 / 12:11 pm

Lokendra Sainger

Alwar Ramgarh Bypoll: अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी है। अभी प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है, लेकिन नेताओं ने वोट का गुणा-भाग लगाना शुरू कर दिया है। यह चुनाव केंद्रीय वनमंत्री भूपेंद्र यादव और वनमंत्री संजय शर्मा वर्सेज कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच माना जा रहा है। इनकी साख दांव पर लगी हुई है।

सिंह और जूली ने संभाल रखी है कमान

कांग्रेस की बात की जाए तो यहां जितेंद्र सिंह और टीकाराम जूली ने कमान संभाली है। दोनों नेताओं ने न केवल फूलबाग में सभी विधायक, प्रभारी की बैठक ली। बल्कि रामगढ़ में भी कार्यकर्ताओं की बैठक ले चुके हैं। इसके अलावा अलवर के एक रिसॉर्ट में जिलेभर के कार्यकर्ताओं की बैठक ली थी। प्रचार-प्रसार की रणनीति के साथ ही नेताओं के दौरे को लेकर रणनीति बनाई जा रही है।

अलवर प्रवास कर चुके यादव, शर्मा भी क्षेत्र में सक्रिय

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की बात की जाए तो वे दो बार अलवर का प्रवास कर चुके हैं। इसके अलावा लगातार अपनी टीम के माध्यम से फीडबैक भी ले रहे हैं। जिलाध्यक्ष अशोक गुप्ता ने बताया कि भूपेंद्र यादव ने चुनाव की कमान संभाल रखी है। वे कई नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिल चुके हैं। वहीं राज्य के वनमंत्री संजय शर्मा भी सक्रिय हैं। प्रत्याशी घोषित होते ही प्रचार तेज किया जाएगा।

इनको मिल सकता है मौका

माना जा रहा है कि कांग्रेस दिवंगत विधायक जुबेर खान के पुत्र को टिकट दे सकती है। इसमें भी छोटे पुत्र आर्यन खान को टिकट देने की प्रबल संभावना है। कांग्रेस में जुबेर खान के परिवार के अलावा किसी और ने अभी दावेदारी भी नहीं की है। वहीं, बीजेपी विधानसभा चुनाव 2023 का चुनाव लड़ चुके भाजपा प्रत्याशी जय आहूजा के अलावा आजाद समाज पार्टी से चुनाव लड़ने वाले सुखवंत सिंह पर भी दांव खेल सकती है।

अबूझ सावे पर मतदान करवाना चुनौती

राजस्थान की 7 सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए 13 अक्टूबर को मतदान होगा। जिसके लिए 12 अक्टूबर को पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। लेकिन दोनों ही दिन शादियों का बड़ा सावा है। ऐसे में जहां चुनाव वाले क्षेत्र के लोगों के लिए वाहनों का संकट खड़ा हो सकता है, वहीं जिला निर्वाचन विभाग को वोट प्रतिशत बढ़ाने में पसीना बहाना पड़ेगा।
दरअसल, 12 अक्टूबर को देवउठनी एकादशी का अबूझ सावा है। इस दिन से शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। अबूझ सावा होने की वजह से बम्पर शादियां भी होगी। खासकर ग्रामीण इलाकों में इस दिन सर्वाधिक शादियां होती है। रामगढ़ इलाके से भी बड़ी संख्या में बारात अन्य जिलों या अलवर के ही अन्य क्षेत्रों में जाएंगी। ऐसे में बारात को लाने और ले जाने के लिए वाहनों की कमी भी हो सकती है।
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