अलवर और मत्स्य डिपो की 56 बसें होंगी ऑफ रूट
जिले के अलवर और मत्स्य नगर डिपो में करीब 170 बसें हैं। इनमें रोडवेज की सभी बसें बीएस-3 और बीएस-4 की हैं। इनमें से 56 बसें दस साल पुरानी हो चुकी है। इनमें से 18 बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र की अवधि पूरी हो चुकी है और इन्हें ऑफ रूट कर डिपो की वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया है। आने वाले दो महीनों में 38 बसों का फिटनेस खत्म हो जाएगी। ऐसे में इन दोनों डिपो की 56 बसें ऑफ रूट हो जाएंगी। लम्बे रूट पर भी शुरू हो सकता है संचालन: जिले के अलवर और मत्स्य नगर डिपो में अधिकांश बसें पुरानी हैं। खटारा बसों के कारण लम्बे कई रूटों पर संचालन नहीं किया जा रहा है। नई बसें आने के अलवर केन्द्रीय बस स्टैण्ड से लम्बी दूरी के कई नए रूटों पर बसों का संचालन शुरू किया जा सकता है।
एनसीआर के डिपो रहेंगे प्राथमिकता में
पहले चरण में एनसीआर के डिपो को प्राथमिकता देने के पीछे मुख्य कारण है कि यहां स्क्रैप पॉलिसी लागू हो चुकी है। पॉलिसी के तहत यहां 10 साल पुराने डीजल या 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चल सकते। अलवर, मत्स्य नगर और तिजारा डिपो से दिल्ली के लिए काफी बसें जाती हैं। दिल्ली में बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल के वाहनों के प्रवेश पर रोक है। केवल बीएस-6 मॉडल वाहनों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। रोडवेज के पास सभी बसें बीएस-3 और बीएस-4 की मॉडल की हैं। बीएस-6 मॉडल की एक भी बस नहीं है। ऐसे में बीएस-6 मॉडल की अनुबंधित बसों को ही दिल्ली रूट पर भेजा रहा है। राजस्थान रोडवेज की नई बसों की पहली खेप जुलाई माह में आने की उम्मीद है। पहले चरण में एनसीआर के डिपो को प्राथमिकता से बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। चरतलाल यादव, प्रबंधक (प्रशासन), अलवर डिपो।