जिला परिषद की उप जिला प्रमुख ललिता मीणा समेत कई पार्षदों ने परिषद की सीईओ प्रतिभा वर्मा से मुलाकात की। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पत्र दिया लेकिन सीईओ ने कहा कि यह कार्य उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। ऐसे में जिला पार्षद जयपुर पंचायती राज विभाग के शासन सचिव से सोमवार को मिले। वहां उनकी बात सुनी गई। उन्होंने संभागीय आयुक्त के पास जाने का रास्ता दिखाया। कुछ पार्षदों का कहना है कि उनके पास 36 जिला पार्षद हैं।
ये हैं अविश्वास प्रस्ताव के नियम
पंचायती राज संस्थाओं में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कुल सदस्यों का तीन चौथाई सदस्य पेश करते हैं। जिला प्रमुख के मामले में तीन चौथाई जिला पार्षद जिला निर्वाचन अधिकारी या पंचायती राज शासन सचिव के समक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं। इसके बाद निर्धारित अवधि में अविश्वास प्रस्ताव साबित करने के लिए नोटिस निकाला जाता है। निर्धारित तिथि को वोटिंग होने पर अविश्वास प्रस्ताव के पास होने या गिरने की स्थिति स्पष्ट होती है। यदि अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है तो पद को रिक्त घोषित करके सरकार किसी भी सदस्य को राज्य स्तर से भी अस्थाई तौर पर कुछ समय के लिए जिला प्रमुख मनोनीत कर सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग रिक्त पद की सूचना मिलने पर चुनाव कार्यक्रम जारी करता है। उसके बाद जिला प्रमुख चुना जाता है। नगर निगम की स्थिति को देखें तो यह पद उप जिला प्रमुख के पास भी जा सकता है।
कुल 48 जिला पार्षद, बहुमत के लिए चाहिए 25
जिला परिषद में कुल 48 जिला पार्षद हैं। बहुमत के लिए 25 पार्षदों की आवश्यकता है। कुछ पार्षदों का कहना है कि उनके पास 36 सदस्य हैं। इसमें कांग्रेस व भाजपा दोनों के हैं। उनका आरोप है कि जिला परिषद में उनके साथ अन्याय होता आया है। जनता के काम नहीं हो रहे हैं। पक्षपात तरीके से कार्य किए जा रहे हैं। इसी के खिलाफ उनकी लड़ाई है। वह अविश्वास प्रस्ताव लाकर रहेंगे। कहा, खुद भाजपा के जिला पार्षद भी जिला प्रमुख से त्रस्त हैं। मालूम हो कि जिला प्रमुख पहले कांग्रेस में थे लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। मालूम हो कि वर्तमान में कांग्रेस के पार्षदों की संख्या बोर्ड में ज्यादा है।जानिए किसने क्या कहा
अलवर जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मेरे पास कई जिला पार्षद आए थे। मैंने उन्हें संभागीय आयुक्त के पास पत्र देने को कहा है।-रवि जैन, शासन सचिव, पंचायती राज विभाग जयपुर
जनता के कामों में अधिकारी अड़ंगा लगा रहे हैं। मैंने कहा है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कराई जाए ताकि समस्याओं का समाधान हो सके। जिला पार्षदों के सम्मान में मैंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। मैं पार्षदों के साथ हूं। यदि किसी को कोई दिक्कत है तो पार्षद मुझ से मिलें।
-बलबीर सिंह छिल्लर, जिला प्रमुख
-बलबीर सिंह छिल्लर, जिला प्रमुख