वार्डों का आरक्षण दिसंबर के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। 65 वार्डों में से आरक्षित से लेकर अन्य वार्डों का निर्धारण होना है। आरक्षित वार्डों की संख्या में भी बदलाव की संभावना है। वहीं भाजपा के कुछ पार्षदों के वार्ड भी आरक्षित की श्रेणी में आ सकते हैं। इससे उन्हें झटका लग सकता है। पार्टी के एक पदाधिकारियों का कहना है कि इस बार पार्टी संगठन से ही कुछ लोगों को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है ताकि सीटें ज्यादा से ज्यादा आ सकें। महापौर की लाइन में 10 से ज्यादा लोग हैं, लेकिन टिकट उसे ही मिलेगा जो पार्टी की उमीदों पर खरा उतरेगा। पार्षदों के टिकट बांटने से लेकर मेयर के टिकट के लिए पार्टी के दफ्तरों में मंथन होने लगा है।
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कांग्रेस ने भी की तैयारी
कांग्रेस ने भी निगम चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के पार्षद भी अपनी तैयारियों में जुट गए। यहां भी भाजपा जैसी ही स्थिति बताई जा रही है। कुछ पार्षदों के टिकट बदलने की चर्चा है। साथ ही कुछ नाम आरक्षण के जरिए तय होंगे। कांग्रेस में भी मेयर के दावेदार आधा दर्जन से ज्यादा लोग हैं।