जानकारी के अनुसार एक परिवादी ने अलवर एसीबी को शिकायत दी कि राजगढ़ थाना पुलिस ने उसे तीन-चार दिन पहले सीआरपीसी की धारा-151 के तहत गिरफ्तार किया था। इस दौरान थाने में उसके 10 हजार रुपए और मोबाइल रख लिए थे। जिसे वापस लौटाने की एवज में थाने का एक हैड़कांस्टेबल और एक कांस्टेबल 5 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। इस शिकायत के सत्यापन के लिए एसीबी ने परिवादी को गुरुवार देर शाम को राजगढ़ थाने में भेजा तथा एसीबी का सिपाही थाने से कुछ दूरी पर खड़ा हो गया। परिवादी जब थाने पहुंचा तो उसी दौरान वहां कोई अन्य प्रकरण चल रहा था। जिसमें पुलिस ने राठौड़ी की कार्रवाई करते हुए एसीबी के परिवादी को ही थाने में बैठा लिया और उसका मोबाइल जब्त कर लिया। काफी देर तक जब परिवादी थाने से बाहर नहीं आया तो एसीबी ने इसकी पड़ताल की। परिवादी को राठौड़ी में थाने में बैठाने की सूचना मिलने पर एसीबी के डीएसपी सहित अन्य अधिकारी राजगढ़ थाने पहुंचे। एसीबी की टीम जैसे ही पहुंची तो राजगढ़ थाने में जबरदस्त हड़कम्प मच गया। हैडकांस्टेबल और कांस्टेबल सहित थाने का पूरा स्टाफ भाग छूटा।
उधर, एसपी तेजस्वनी गौतम का कहना है कि परिवादी के पास सीबीआई का फर्जी आई कार्ड मिला है। जिस संबंध में उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। साथ ही पूरे मामले की जांच भी कराई जा रही है।
थाने में सिर्फ एसएचओ, संतरी और कम्प्यूटर ऑपरेटर बचे थाने में एसीबी के आने की सूचना मिलते ही कुछ पुलिसकर्मी थाने के बाहर से ही फरार हो गए तथा थाने के अंदर बैठे पुलिसकर्मी भी फरार हो गए। थाने में केवल एसएचओ, संतरी और कम्प्यूटर ऑपरेटर ही रह गए। एसीबी ने वहां परिवादी और एसएचओ के बयान लिए। इसके बाद एसीबी अपने परिवादी को लेकर थाने से लौट आई। एसीबी टीम जब तक रही, तब तक कोई पुलिसकर्मी थाने पर नहीं फटका।
एसीबी टीम आई थी एसीबी की टीम थाने पर आई थी। इस दौरान एसीबी अधिकारियों से थाने पर जांच की और उनके व परिवादी के बयान लिए। इसके बाद एसीबी की टीम थाने से रवाना हो गई।
– विनोद सामरिया, एसएचओ, राजगढ़।