लाखों का नुकसान हुआ राजगढ़ प्रशासन की ओर से 17 अप्रैल को यह कार्रवाई की गई। व्यापारियों का कहना है शादी समारोह व गर्मी के सीजन के दौरान उनकी दुकानों को तोडे जाने से उनका धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है तथा लाखों रूपए का नुकसान हुआ है। कस्बे के गोल सर्किल से मेला का चौराहा के मध्य सड़क मार्ग में बाधा बने प्राचीन भवनों व दुकानों को ध्वस्त किए जाने के बाद उनके मलबे का अम्बार सडक मार्ग पर लगे होने के बाद आवागमन बाधित हो गया।
लोगों ने रोष जाहिर करते हुए प्रशासन पर आरोप लगाया है कि प्रशासन ने मनमाने तरीके से कार्रवाई करते हुए सौ से डेढ सौ साल पुराने कागज व पट्टों के साथ रह रहे लोगों के वैध मकान व दुकानों को मास्टर प्लान का हवाला देकर तोड दिया गया।सड़क मार्ग के दोनों ओर मलबा उठाने के लिए तीन एलएनटी व आधा दर्जन से अधिक डम्पर लगाए हुए है। इसी दौरान एक तरफ नाला खोदने का कार्य भी किया जा रहा है।
भावनाएं आहत हुई सीताराम शर्मा का कहना है उन्होंने लक्ष्मी देवी व अशरफी देवी से सराय बाजार में पुराना भवन खरीदा था। उनके पास 1 अगस्त 1919 का नजूल स्टेट अलवर का पट्टा तथा 1961 की नगरपालिका की मंजूरी है। सराय बाजार में कंकरों की सरकारी सडक के पूर्व की ओर करीब 8 फीट छोडकर दुकाने बनी हुई तथा वो पूरी तरह से वैध थी, जिन्हें मास्टर प्लान बताकर तोड दिया गया। एडवोकेट सुरेन्द्र माथुर किट्टू का कहना है सराय बाजार में प्राचीन तीन शिव मंदिरों को तोडकर धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाई गई है। सराय बाजार में ही करीब दो सौ साल पुराना मंदिर बना हुआ था उसे भी तोड कर खण्डकर बना दिया।