अलवर

राजस्थान में पहली बार अग्निवीर को शहीद का दर्जा, आतंकियों ने जितेंद्र सिंह के सिर में मारी थी गोली

Agniveer Jitendra Singh: राजस्थान के किसी अग्निवीर को पहली बार शहीद का दर्जा मिला है। इसके साथ ही परिजनों का सात महीने का इंतजार खत्म हो गया।

अलवरNov 20, 2024 / 09:25 am

Anil Prajapat

Alwar News: अलवर। राजस्थान के किसी अग्निवीर को पहली बार शहीद का दर्जा मिला है। इसके साथ ही परिजनों का सात महीने का इंतजार खत्म हो गया है। अलवर जिले के नवलपुरा मोरोड गांव निवासी अग्निवीर जितेन्द्र सिंह को शहीद का दर्जा मिला है। जितेन्द्र के परिजन को सोमवार को प्रशासन की ओर से शहीद के दर्जे का पत्र सौंपा गया। बताया जा रहा है कि राजस्थान के किसी अग्निवीर को पहली बार शहीद का दर्जा दिया गया है।
जितेन्द्र सिंह 2022 की अग्निवीर भर्ती में सेना में शामिल हुए थे और मई 2024 में जम्मू कश्मीर के राजौरी इलाके में आतंकी सर्च ऑपरेशन के दौरान सिर में गोली लगने से शहीद हो गए थे। वे पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे। कमांडिंग ऑफिसर कर्नल तरुण देव ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सुधांशु पंत के नाम पर लेटर जारी कर अग्निवीर जितेंद्र सिंह को शहीद माना। अलवर जिले के रैणी क्षेत्र के नवलपुरा मोरोड गांव में जितेंद्र के परिजनों को सोमवार को शहीद दर्जे का पत्र सौंपा गया। अब राजस्थान सरकार द्वारा शहीद को मिलने वाला पैकेज उनके परिजनों को दिया जाएगा।

जितेंद्र के नाम पर बनेगा शहीद स्मारक

गांव में जितेंद्र सिंह के नाम पर शहीद स्मारक बनाया जा रहा है। जल्द ही शहीद को मिलने वाला पैकेज भी जितेन्द्र के परिजन को मिलेगा। परिजन को केंद्र सरकार और पंजाब नेशनल बैंक की तरफ से दो करोड़ रुपए पूर्व में ही मिल चुके हैं। जितेन्द्र के परिजन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलने पर कारगिल शहीद का पैकेज देने का आश्वासन दिया था।
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आतंकी सर्च ऑपरेशन के दौरान लगी थी गोली

जानकारी के मुताबिक नवलपुरा मोरोड गांव के रहने वाले अग्निवीर जितेन्द्र सिंह 29 दिसंबर 2022 को सेना भर्ती हुए थे। वे 3 पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे। इसके लिए बेंगलुरु में उन्होंने एक साल की स्पेशल ट्रेनिंग भी ली थी। 29 फरवरी 2024 को पहली बार जितेंद्र की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी। 9 मई 2024 को जम्मू कश्मीर के पुंछ राजौरी इलाके में जितेंद्र को सेना की टुकड़ी के साथ आतंकी सर्च ऑपरेशन में भेजा गया था। इस दौरान सिर में गोली लगने से जितेंद्र शहीद हो गए थे।
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