इस वक्त बारिश यूरिया और डीएपी उर्वरक की तरह फसलों में काम करेगी। इस बार केवल अलवर जिले में गेहूं की बुवाई 81 हजार 112 हेक्टेयर और सरसों की बुवाई सबसे ज्यादा एक लाख 44 हजार हेक्टेयर पर की गई है। वहीं, इस बारिश से सरसों की फसल में भी फायदा होगा। इसमें पानी की पूर्ति होगी और फूल व फलियां में सहायक होगी। हालांकि अलवर के कुछ इलाकों में बारिश के साथ गिरे ओलों से अगेती सरसों की फलियों और पौधों को नुकसान पहुंचा है।
बारिश के बाद एक्यूआई धड़ाम
दिसम्बर के शुरुआत में अलवर और भिवाड़ी की हवा में जहर घुल रहा था, इस वजह से प्रदूषण विभाग ने ग्रेप-4 की पाबंदियों को लागू किया। इसके बाद एक्यूआई में सुधार होने पर ग्रेप-4 को हटा दिया गया, लेकिन दो दिन हटाने बाद फिर ग्रेप-4 को लगाना पड़ा था। फिलहाल प्रदूषण विभाग ने ग्रेप-4 को हटा दिया और ग्रेप-3 की पाबंदियों में भी ढिलाई दी है। बारिश के अलवर व भिवाड़ी का एक्यूआई गिर गया है। अब यहां की हवा सांस लेने लायक है। रविवार को अलवर का एक्यूआई 102 और भिवाड़ी का एक्यूआई 66 दर्ज किया गया। हालांकि अब तक अलवर का एक्यूआई भिवाड़ी से कम रहता था, लेकिन रविवार को ऐसा पहली बार हुआ है, जब भिवाड़ी का कम और अलवर का एक्यूआई अधिक रहा है।
बारिश का फसलों में यूरिया का काम करेगी
दिसम्बर और जनवरी माह के दौरान होने वाली बारिश रबी सीजन की फसलों के लिए अमृत के समान काम करती है। बारिश के बाद तापमान में गिरावट आएगी, जिससे गेहूं और जौ की फसल में फुटान बढ़ेगी। बारिश का फसलों में यूरिया का काम करेगी। इससे गेहूं के दाने की क्वालिटी में भी सुधार आएगा। हालांकि अधिक तापमान की वजह से गेहूं के दाने सिकुड़ जाते हैं, जिसकी वजह से पैदावार प्रभावित होती है। बारिश के बाद किसानों की सिंचाई की समस्या भी दूर होगी।-डॉ. अरविंद, कृषि अधिकारी, अलवर