इस पर विधायक खींची ने कहा कि यह विषय एजेंडे में शामिल नहीं है। मुझ पर व्यक्तिगत हमला किया गया है। उन्होंने मेज पर जोर से हाथ मारा। इस पर कांग्रेस के जिला पार्षदों ने आपत्ति जताई। पार्षद संदीप फौलादपुरिया ने कहा कि यह भरतपुर सांसद को धमकाने का प्रयास है। इसके बाद माहौल गरमा गया। आखिर में जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर ने कहा कि इस मामले की जांच कराएंगे और कार्रवाई करेंगे। तब मामला शांत हुआ।
…कहीं ये तो नहीं लड़ाई की असली वजह
दरअसल, पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में कठूमर सीट से कांग्रेस के टिकट से संजना जाटव व भाजपा के टिकट से रमेश खींची मैदान में थे। परिणाम आए तो खींची 409 वोट से जीत गए। इसका विरोध करते हुए संजना जाटव ने मतगणना केंद्र के बाहर धरना दिया था। आरोप लगाए थे कि बैलेट पेपर की गिनती ठीक से नहीं की गई। उनके वोटों को रिजेक्ट किया गया। खैर, परिणाम तो नहीं बदला। खींची विधायक बन गए। उसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भरतपुर सीट से संजना जाटव को मैदान में उतार दिया और वे सांसद बन गईं। जानकार बताते हैं कि अब कठूमर में सत्ता के दो केंद्र हो गए। दोनों की पुरानी खींचतान का असर ही जिला परिषद की बैठक में दिखा।