जर्जर हो चुका है अस्पताल का भवन
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि कठूमर उपखंड मुख्यालय पर करीब पचास साल पूर्व 1972 में निर्मित राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय भवन का निर्माण हुआ था। मरम्मत नहीं होने के कारण भवन की वर्तमान में दयनीय स्थिति बनी हुई है। भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था होने के चलते भय के वातावरण व अपनी जान जोखिम में डालकर कर्मचारी कार्य करते हैं। सोमवार सुबह जैसे ही डिजिटल एक्स-रे रूम में कर्मचारी पहुंचे तो तेज आवाज के साथ छत का प्लास्टर नीचे गिर गया। इस बीच अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई। सीएचसी खेरली प्रभारी हेमंत वर्मा ने बताया कि पूर्व में भी यहां छत का प्लास्टर भरभराकर नीचे गिर गया था। कई बार मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अस्पताल के ऐसे हालातों में कर्मचारी खतरों के साए में काम कर रहे हैं।
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि कठूमर उपखंड मुख्यालय पर करीब पचास साल पूर्व 1972 में निर्मित राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय भवन का निर्माण हुआ था। मरम्मत नहीं होने के कारण भवन की वर्तमान में दयनीय स्थिति बनी हुई है। भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था होने के चलते भय के वातावरण व अपनी जान जोखिम में डालकर कर्मचारी कार्य करते हैं। सोमवार सुबह जैसे ही डिजिटल एक्स-रे रूम में कर्मचारी पहुंचे तो तेज आवाज के साथ छत का प्लास्टर नीचे गिर गया। इस बीच अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई। सीएचसी खेरली प्रभारी हेमंत वर्मा ने बताया कि पूर्व में भी यहां छत का प्लास्टर भरभराकर नीचे गिर गया था। कई बार मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अस्पताल के ऐसे हालातों में कर्मचारी खतरों के साए में काम कर रहे हैं।