इन क्षेत्रों से रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राॅली बजरी का परिवहन कर शहरों में ले जाते हैं। अवैध खनन पर खनिज विभाग की कार्रवाई खानापूर्ति साबित हो रही है। रैणी उपखंड क्षेत्र के गांव रामपुरा, करणपुरा, भींटोली सहित दौसा क्षेत्र के टिगरिया में खातेदारी के खेतों में बजरी का खनन किया जा रहा है। पूर्व में खनन की सूचना पर रैणी तहसीलदार सहित खनिज विभाग के संयुक्त दल ने औचक कार्रवाई कर शास्ती लगाई थी, लेकिन अभी भी खननकर्ताओं के हौसले बुलंद है। रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली यहां बजरी लेने आते हैं। इन गांवों में सुबह-शाम बजरी भराने वालों की तादाद ज्यादा होती है। बजरी का खनन करने वाले साधनों से करणपुरा से रामपुरा, करणपुरा से रैणी तक आने वाली पीडब्ल्यूडी की व गांव के अंदर ग्राम पंचायत की सड़क क्षतिग्रस्त होने लगी है।
कराया कई बार अवगत ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि खनन क्षेत्र में आ रही विद्युत लाइनों को तत्कालीन सहायक अभियंता की ओर से बिना डीएन ही हटवा दिया था। अब तीस से चालीस फीट तक खनन किया जा रहा है। खनिज विभाग नाम मात्र की कार्रवाई कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान भूमि के सीमा ज्ञान के लिए कई बार अवगत करवाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
यह बोले जिम्मेदार मामले में रिंकू कोली खनिज कार्यदेशक, अलवर के अनुसार पैनल्टी वसूली के नोटिस जारी किए जाएंगे। राजस्व संबंधी कार्रवाई रैणी तहसीलदार करेंगे। जल्द बड़ी कार्रवाई की जाएगी। पहले भी मुकदमे दर्ज करवाए है। इधर तहसीलदार कैलाश मेहरा का कहना है कि अवैध बजरी खनन क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति देखी जा रही है। रणनीति के तहत कार्रवाई की जाएगी। प्रकरण बनाए जाएंगे।