पहले पिंजरे में मेमना को बचाने के लिए एक और जाल लगा दिया ताकि मेमना को देखकर पैंथर पिंजरे में घुसे और खुद जाल में फंस जाए। दूसरे पिंजरे में मुर्गा बांधा गया है। सीसीटीवी की संख्या तीन से बढ़ाकर 7 कर दी है। कुल मिलाकर पैंथर की आवक से आसपास की चार कॉलोनियों के लोगों में डर का माहौल है। उन्होंने सुबह-शाम टहलना बंद कर दिया है।
तीन दिन पहले आरआर कॉलेज परिसर में पैंथर के पगमार्क मिले थे। इसके बाद वन विभाग ने सोमवार को पिंजरा लगाया और मेमना भी बांधा। सोमवार की रात उसी मार्ग से पैंथर निकला। मेमना को देखकर रुका और शिकार के लिए आगे मुंह बढ़ाया। पिंजरे को मुंह व पैर लगाया तो पिंजरे का जाल बंद हो गया। जाल बंद होते ही पैंथर भाग गया। वन विभाग का कहना है कि पैंथर भूख होने पर ही मेमना का शिकार करेगा। जैसे ही पिंजरे में अंदर प्रवेश करेगा तो वह बंद हो जाएगा।
इन कॉलोनियों में दहशत
अलकापुरी, बैंक कॉलोनी, मोती डूंगरी, शांतिकुंज आरआर कॉलेज के चारों ओर बनी कॉलोनी हैं। सुबह जल्दी उठकर लोग सड़कों पर टहलते हैं। रोड लाइटें पूरी तरह नहीं जलने के कारण अंधेरा रहता है। ऐसे में लोग डर के कारण दो दिन से बाहर नहीं निकल रहे। शाम होते ही लोग घर से बाहर निकलने से भी बच रहे हैं। जरूरी कार्य होने पर ही बाहर जा रहे हैं। हालांकि वन विभाग ने भी लोगों को अलर्ट किया है। दो टीमों को मॉनिटरिंग के लिए लगाया गया है।झाड़ियों में ही छिपा हो सकता है
आरआर कॉलेज परिसर के आसपास जंगली झाड़ियां हैं, जहां पैंथर के होने की संभावनाएं हैं। झाड़ियों की लंबाई भी 5 फीट से ज्यादा है। पैंथर जंगल की ओर रुख नहीं कर रहा है। यहीं आसपास दिन में आराम कर रहा है और रात को परिसर में निकलता है।
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लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं टीमें
सोमवार की रात पैंथर आया था, लेकिन पिंजरे में बंद नहीं हो पाया। जैसे ही उसे भूख लगेगी तो वह मेमना का शिकार करेगा और वह बंद हो जाएगा। इस प्रक्रिया में एक से दो दिन और लग सकते हैं। लोगों को अलर्ट किया हुआ है। टीमें मॉनिटरिंग कर रही हैं।-राजेंद्र हुड्डा, डीएफओ अलवर