जस्टिस शिव कुमार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सरिस्का के सीटीएच व बफर जोन में कॉमर्शियल एक्टिविटीज (होटल-रेस्टोरेंट, रिसॉर्ट आदि) नहीं हो सकती हैं। ऐसी गतिविधियों को सरकार चिन्हित कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करे। सरिस्का के सीटीएच एरिया का म्यूटेशन होने के बाद यह कार्रवाई अमल में लाई जाए। नोटिफिकेशन के बाद भी सरिस्का का इको सेंसेटिव जोन घोषित न होने पर सरकार से जवाब मांगा है।
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होटल-रेस्टोरेंट की रिपोर्ट न देने पर दायर किया विरोधनाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव अभयारण्य सुरक्षा एवं विकास समिति के वकील वैभव पंचोली ने उच्च स्तरीय कमेटी की ओर से सीटीएच, बफर एरिया में संचालित होटल-रेस्टोरेंट आदि की रिपोर्ट सब्मिट नहीं करने पर विरोध दायर किया। एडवोकेट ने बताया कि एनजीटी ने सरिस्का के बफर जोन में चल रही कॉमर्शियल एक्टिविटीज पर प्रशासन की ओर से एक्शन नहीं लेने पर नाराजगी जाहिर की है। प्रतिबंधित एरिया से बाहर संचालित गतिविधियों से पहले राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति जरूरी है। एनजीटी ने साफ कर दिया कि पहले सरकार सरिस्का सीटीएच जमीन का म्यूटेशन खोले और उसके तुरंत बाद कॉमर्शियल एक्टिविटीज पर कार्रवाई करे।
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सीबीआई व ईडी की भूमिका म्यूटेशन के बादउच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद एनजीटी ने कहा कि सीटीएच एरिया के म्यूटेशन के बाद ही सीबीआई व ईडी की भूमिका होगी। इसी कारण दोनों एजेंसियों से कोई पूछताछ नहीं की गई। इन्हें फिलहाल फ्री कर दिया गया।