बेरोजगारों के नाम से बना रहे फर्जी आईडी
ठग पहले बेरोजगार व कम पढ़े-लिखे युवाओं को अपने जाल में फंसाते हैं। तीन से पांच हजार रुपए का लालच देकर उनसे आधार कार्ड और पेनकार्ड लेते हैं और फिर उनके नाम से बाइनेंस ऐप पर आईडी बनाते हैं और वीडियो कॉल पर केवाईसी करा उनका ऑनलाइन अकाउंट खोलते हैं। फिर उनकी आईडी से ही करेंसी खरीदते हैं और ग्राहक को विश्वास जमाने के लिए उसका ही आधार कार्ड भेजते हैं। खिलाफ कार्रवाई करती है जिसका आधार होता है।
बचना है तो नहीं करें डील कैंसिल
बाइनेंस ऐप के जरिए जब भी कोई व्यक्ति बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी खरीदता है तो उसे पहले पेमेंट ट्रांसफर करना होता है। इसके बाद बेचने वाला व्यक्ति करेंसी को रिलीज करता है। यदि करेंसी को रिलीज नहीं किया जाए तो 24 घंटे के भीतर खुद-ब-खुद करेंसी ग्राहक को रिलीज हो जाती है। ऐसे में करेंसी खरीदने के बाद बेचने वाले व्यक्ति के दबाव में डील कैंसिल नहीं करें वरना आपके साथ फ्रॉड हो सकता है।
देश-विदेश के लोगों को ठग रहे
बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी बेचने के नाम पर अलवर के ठग अलवर से बाहर की लोकेशन पर आईडी बनाते हैं और फिर देश-विदेश में बैठे लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। अलवर शहर के भूगोर, रूपबास सहित मेवात क्षेत्र में तमाम युवा साइबर ठगी के धंधे में लिप्त हैं। पुलिस सब कुछ जानते हुए भी चुप है।