अलवर

इतनी उठापटक, फिर भी खैरथल में तीन जून तक विभागों का संचालन होना नहीं आसान! जाने क्यों?

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक साथ 19 नए जिलों की अपनी सरकार के अंतिम वर्ष के अंतिम दिनों में सौगात तो दी, लेकिन अब इनमें भौतिक संसाधनों से लेकर प्रशासनिक व्यवस्थाओं को धरातल पर उतारने में खासे पसीने बहाने पड़ रहे हैं। विभागीय कार्यालयों के भवनों से लेकर पदों पर नियुक्ति सहित कई चुनौतियां सामने खड़ी है। जिन्हें नए जिलों से दूर करना आसान नहीं लग रहा।
 

अलवरMay 30, 2023 / 12:55 am

Ramkaran Katariya

New districts Khairthal and Behror-Kotputli

अलवर. जिले को विभाजित करते हुए दो नए जिले खैरथल व बहरोड़-कोटपूतली बना दिया। अब नए जिले खैरथल में तीन जून तक सरकारी विभागों का संचालन होना आसान नहीं लग रहा। अभी रेकॉर्ड शिफ्टिंग की औपचारिकताएं ही अटकी हुई हैं। हालांकि प्रशासनिक व राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तो ये ही सूनी जा रही है कि एक जून से रेकॉर्ड शिफ्ट होने की उम्मीद है। ऐसे में करीब एक पखवाड़ा रेकॉर्ड शिफ्ट करने में लगेगा।
बैठक में किया था यह तय
हाल ही में खैरथल विशेषाधिकारी ओमप्रकाश बैरवा ने जिला प्रशासन के अलावा जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की थी। तब तय हुआ था कि तीन जून तक 15 विभागों का संचालन नए जिले में शुरू हो जाएगा। इसके लिए यहां से अधिकारी व कर्मचारी भी लगाए जाएंगे। इस बात को करीब एक सप्ताह होने जा रहा है, लेकिन मामला अभी आगे नहीं बढ़ पाया। हालांकि कागजी औपचारिकता के लिए काम चल रहा है। उसके बाद रेकॉर्ड यहां से जाएगा। वहीं विभाग अभी पद सृजन पर भी काम कर रहे हैं। एडीएम प्रथम उत्तमङ्क्षसह शेखावत का कहना है कि नए जिले की स्थापना को लेकर तेजी से प्रक्रिया चल रही है।
कोटपूतली-बहरोड़ जिले के रेकॉर्ड को लेकर कोई गतिविधि नहीं
कोटपूतली-बहरोड़ जिला तो बन गया, लेकिन वहां के अधिकारी इसे लेकर गतिविधियां आगे नहीं बढ़ा रहे। अभी तक रेकॉर्ड ले जाने आदि पर बातचीत पूरी तरह नहीं हो पा रही है, जबकि प्रदेश सरकार का पूरा जोर इन्हीं नए जिलों की स्थापना पर है। हालांकि वहां मुख्यालय का चयन नहीं हो पा रहा है। मुख्यालय को लेकर खींचतान मच रही है। रास्ता निकाला जा रहा है कि कोटपूतली व बहरोड़ के मध्य कोई जगह देखी जाए, जहां पर मुख्यालय बनाया जाए। यह तय होने के बाद विभागों के शिफ्ट होने की तैयारियां आगे बढ़ सकेगी।

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