गौरतलब है कि कई वर्षो पहले थाना नौगांवा को सरकारी वाहन के रूप में एक गाडी उपलब्ध कराई गई थी। इससे थाना क्षेत्र में गश्त, हरियाणा सीमा होने के कारण नाकाबन्दी, अपराधियों की दबिश, गो-तस्करी सहित अन्य अपराधों को अंजाम देकर हरियाणा सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों का पीछा करने, सडक़ दुर्घटना के मामलों में मौके पर पहुंचने सहित एक्सकोर्ट पायलट की जिम्मेदारी भी निभाई। थाने के पुलिसकर्मियों का कहना है कि मौजूदा वाहनों की हालत खस्ता होने से उनमें हॉर्न तो नहीं बजते अलबत्ता सभी कलपुर्जों की आवाज जरूर निकलती रहती है।
2 लाख किमी चलने पर मियाद समाप्त
पुलिस सूत्रों के अनुसार करीब 2 लाख किलोमीटर चलने के बाद वाहन की मियाद समाप्त हो जाती है, लेकिन नौगांवा का खस्ताहाल सरकारी वाहन इस मियाद का लगभग दोगुना चल लिया और उसके बाद भी इसकी सुध लेने वाला नहीं है। नौगांवा थाना क्षेत्र बॉर्डर का थाना है, वहीं राजमार्ग पर स्थित है। जिसके कारण अन्य थानों की अपेक्षा आपराधिक गतिविधियों सहित दुर्घटनाओं के आंकडे यहां अधिक है और गाडी की आवश्यकता भी अधिक है।
इन दिनों गाडी की हालत इतनी खस्ता है कि कई बार रास्ते में ही खराब हो जाती है। इसमें एसी की सुविधा भी नहीं है, जिससे भीषण गर्मी में पुलिसकर्मियों को लू के थपेडों झेलने के साथ पसीना बहाने को मजबूर होना पडता है। थाना क्षेत्र के लोगों सहित पुलिसकर्मियों ने भी नौगांवा थाने को नई गाडी उपलब्ध कराने की मांग की है, जिससे पुलिस कार्रवाई में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो और पुलिसकर्मियों की परेशानी भी दूर हो सके।
सूचना मिली है
नौगांवा थाने की सरकारी गाडी की जर्जरता की सूचना मिली है। जिसे लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया गया है। जैसे ही गाडी उपलब्ध कराई जाएगी, थाने के सुपुर्द करा दी जाएगी।
सरिता सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अलवर।