अलवर.पूरे प्रदेश में नगर परिषद अलवर की एक बार और किरकरी होने जा रही है। इस बार मामला सफाईकर्मी भर्ती का है। हाल में की गई सफाईकर्मी भर्ती में इतनी बड़ी खामी छोड़ दी कि लॉटरी ही दोबारा से निकालनी पड़ सकती है जिसको लेकर स्वायत्त शासन विभाग के उच्चाधिकारियों ने नगर परिषद आयुक्त से जानकारी भी मांगी है। मामला ये है कि पूरे प्रदेश में सफाईकर्मी भर्ती की लॉटरी में साल २०१२ के सफल आवेदकों को भी शामिल करना था। अधिकतर जगहों पर ऐसा ही किया गया है। अलवर नगर परिषद ने लॉटरी में केवल नए आवेदन पत्रों को ही शामिल किया है जिसके कारण पिछली बार लॉटरी में सफल रह चुके आवेदकों को अवसर नहीं मिला। भर्ती की जारी विज्ञप्ति के अनुसार पुराने सफल आवेदकों को लॉटरी में शामिल करना था जिसके कारण उन्होंने आवेदन भी नहीं किया। नगर परिषद आयुक्त से यह फीडबैक मांगा गया है कि क्या वाकई पुराने आवेदकों को लॉटरी में शामिल नहीं किया गया। मौजूदा कार्यवाहक आयुक्त ने स्पष्ट जवाब दिया है कि यह सही है।
पुराने 1100 आवेदक रह गए साल 2012 की सफाईकर्मी भर्ती में करीब 1100 आवेदकों को लॉटरी में शामिल किया गया था। उस समय भर्ती के 329 पद थे। पहले की भर्ती निरस्त कर दी गई थी जिसके कारण सरकार ने यह आदेश दिया था कि पुराने सफल आवेदकों को लॉटरी में शामिल किया जाए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस बार आवेदक 2016 हैं। अब नए सिरे से लॉटरी निकाली गई तो पुराने 1100 आवेदकों को लॉटरी में शामिल करना पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि जल्दी इसके आदेश आने वाले हैं।
दो पार्षदों ने भ्रष्टाचार का खेल बताया सफाईकर्मी भर्ती की लॉटरी निकालने के बाद पार्षद अजय पूनिया और धर्मेन्द्र मीणा ने यह दावा भी किया कि एक या दो दिन में लॉटरी दोबारा से निकालने के आदेश जा जाएंगे। अलवर नगर परिषद के तत्कालीन आयुक्त संजय शर्मा व सभापति अशोक खन्ना भर्ती पूरी कराने के पक्ष में ही नहीं थे। तभी तो उन्होंने नियमों की पालना नहीं की। पुराने आवेदनों को इसलिए शामिल नहीं किया ताकि भर्ती अटक जाए। आगे जल्दी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो जाएगी।
ये रहे आदेश भर्ती की विज्ञप्ति की सूचना में स्पष्ट लिखा है कि ऐसी पालिकाएं जिनमें 2012 की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर नियुक्ति प्रदान नहीं की गई हैं उसे तुरंत प्रभाव से प्रत्याहरित किए जाते हैं। जो आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं। उनको नई भर्ती में शामिल किए जाएं।
अभी तक हुई भर्ती में मैं शामिल नहीं था। अब स्वायत्त शासन विभाग ने जानकारी मांगी है कि यह बताएं कि पुराने फॉर्म लॉटरी में शामिल किए या नहीं। यह सही है कि पुराने आवेदन शमिल नहीं किए गए। आगे जो मुख्यालय के आदेश आएंगे उनकी पालना की जाएगी।
सुभाष चन्द शर्मा, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद अलवर
सुभाष चन्द शर्मा, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद अलवर