जेल की जमीन पर बनेगा मेडिकल कॉलेज अलवर जिला मुख्यालय पर सेंट्रल जेल की जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनेगा। सेंट्रल जेल को यहां से एमआईए के ढढोली गांव में शिफ्ट किया जाएगा। जेल परिसर कर साढ़े चार हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री एक अगस्त 2016 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अलवर में नाम की जा चुकी है। शेष जमीन की रजिस्ट्री के लिए जिला प्रशासन की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
करीब छह साल से आस अधूरी राज्य सरकार की ओर से करीब छह साल पहले अलवर जिला मुख्यालय पर जेल की जमीन पर मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी, लेकिन लम्बे समय से अलवर वासियों की यह आस अधूरी थी। जुलाई माह में राज्य सरकार की ओर से बजट सत्र के दौरान फिर अलवर में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई।
इन जिलों में मेडिकल कॉलेज को वित्तीय हरी झंडी अलवर, बारां, बांसवाड़ा, चित्तोडगढ़़, जैसलमेर, करौली, नागौर, श्रीगंगानगर, सिरोही और बूंदी। एक हजार सीटें बढऩे की संभावना नए मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद राज्य में एमबीबीएस सीटों की संख्या एक हजार और बढऩे की संभावना है। राज्य के इन दस जिलों में लम्बे समय से मेडिकल कॉलेज की मांग भी की जा रही है। राज्य में अभी सरकारी और गैर सरकारी 22 मेडिकल कॉलेज है। इनमें से 8 गैर सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं।
मिलेगी सुपर स्पेशलिटी सुविधा अलवर में मेडिकल कॉलेज खुलने से यहां के मरीजों को सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सेवाएं जिले में ही उपलब्ध हो सकेंगी। इसके लिए उन्हें दिल्ली और जयपुर नहीं जाना पड़ेगा। फिलहाल गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को दिल्ली व जयपुर सहित अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ रहा है।
वित्तीय स्वीकृति मिली केन्द्र सरकार ने अलवर सहित राज्य के दस जिलों में मेडिकल कॉलेज के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। अलवर में सेंट्रल जेल की जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा
डॉ. सुनील चौहान, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अलवर
डॉ. सुनील चौहान, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अलवर