इन सत्रों की डिग्रियां अटकी, अभी तय नहीं की वितरण की तिथि विश्वविद्यालय में सत्र 2020 के बाद किसी भी प्रकार की डिग्री नहीं दी गई है। वर्ष 2020 के बाद दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं हुआ है। इसमें प्रत्येक सत्र 40 हजार से अधिक डिग्रियां है, जो विद्यार्थियों को वितरित की जाएंगी, लेकिन विश्वविद्यालय ने अभी तक दीक्षांत समारोह करने की तिथि जारी नहीं की है। बताया जाता है कि वर्तमान में अभी केवल दो सत्रों की डिग्रियों को बांटा जाएगा। इसमें सत्र 2021 और 2022 शामिल हैं। इसमें से सत्र 2021 की डिग्रियों के लिए टेंडर हो चुका है और सत्र 2022 का टेंडर होना बाकी है। वहीं, सत्र 2023 के विद्यार्थियों की डिग्रियों की तैयारी की जा रही है। 2023 के डिग्रियों का डेटा तैयार किया जा रहा है। अभी इनका प्रिंट होना बाकी है।
विद्यार्थियों को मिलनी हैं यह डिग्रियांविश्वविद्यालय के अंतर्गत पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों में यूजी (स्नातक), पीजी (स्नातकोत्तर), बीएड और पीएचडी के शामिल हैं। जो पिछले तीन सालों से अपनी डिग्री का इंतजार कर रहे हैं। अभी विद्यार्थियों को तीन माह का इंतजार करना पड़ सका है। जब तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता नहीं हट जाए। मालाखेड़ा क्षेत्र के मंयक शर्मा ने बताया कि पिछली दो साल डिग्री लेने के लिए विश्वविद्यालय परिसर सें चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अब तक मुझे डिग्री प्राप्त नहीं हुई है।
विद्यार्थियों को मिलनी हैं यह डिग्रियांविश्वविद्यालय के अंतर्गत पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों में यूजी (स्नातक), पीजी (स्नातकोत्तर), बीएड और पीएचडी के शामिल हैं। जो पिछले तीन सालों से अपनी डिग्री का इंतजार कर रहे हैं। अभी विद्यार्थियों को तीन माह का इंतजार करना पड़ सका है। जब तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता नहीं हट जाए। मालाखेड़ा क्षेत्र के मंयक शर्मा ने बताया कि पिछली दो साल डिग्री लेने के लिए विश्वविद्यालय परिसर सें चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अब तक मुझे डिग्री प्राप्त नहीं हुई है।
विश्वविद्यालय द्वारा राज्यपाल सचिवालय से दीक्षांत समारोह आयोजित करने के लिए समय मांगा गया है। दीक्षांत समारोह जिस दिन आयोजित होगा, उसी दिन से विश्वविद्यालय की ओर से सभी विद्यार्थियों को डिग्रियों का वितरण प्रारंभ कर दिया जाएगा ।
-फैलीराम मीणा, रजिस्ट्रार, विश्वविद्यालय, अलवर।