अलवर जिले के बगड़ का तिराया स्थित दिगंबर जैन सुधासागर गोशाला में गौमाता को सर्दी से बचाने के लिए काउ मैट मंगवाए गए हैं जो गौ माता को सर्दी में बचाते हैं और गर्मी में भी राहत देते हैं। इस पर बैठने के बाद गौ माता आसानी सेइस पर बैठ सकती है। फिलहाल गौशाला में 400 गाय रहती है जिसके लिए करीब 100 काउ मैट मंगवाए गए हैं और शेष के लिए आर्डर दिए गए हैं।
गौशाला के संचालक बच्चू सिंह जैन बताते हैं कि यह गौशाला काफी पुरानी हो चुकी है। यहां पर गौ तस्करी से बचाकर लाई गई गायों को रखा जाता है। सर्दी के दिनों में गौमाता को ठंड से बचाने के लिए कॉउ मेट काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं। अक्सर गौशाला में गोबर गोमूत्र के चलते कीचड़ हो जाती है जिसमें रहने से गौ माता को ठंड लगती है और वह बीमार हो जाती है। ऐसे में काउ मैट की सहायता से गौ माता को साफ सफाई भी मिलती है और ठंड से भी राहत मिलती है। एक गदद्े की कीमत करीब ढाई से तीन हजार है।
वृंदावन के संत ने दी गद्दों की सीख संचालक बच्चू सिंह जैन ने बताया कि कुछ दिनों पहले वृंदावन की गौशाला में जाने का मौका मिला। इस दौरान गौशाला चलाने वाले एक संत ने काउ मैट यानि गद्दों की उपयोगिता के बारे में बताया। राजस्थान में काउ मैट उपलब्ध नहीं हो रहे थे इसके चलते हरियाणा की एक बड़ी कंपनी को ऑर्डर देकर करीब 400 के लगभग काउ मैट मंगवाए गए हैं जिसमें से 100 की पूर्ति हो चुकी है।
गुजरात से आएगी कैटल फीड मशीन गौशाला को आधुनिक बनाने के लिए यहां पर सफाई की आधुनिक मशीनें लगाई जाएगी। जिनकी लागत करीब डेढ़ लाख है। इसे कम कर्मचारियों में गौशाला में अच्छी सफाई हो पाएगी। इसके साथ ही पशुओं को अच्छा चारा उपलब्ध कराने के लिए कैटल फीड मशीन लगाई जाएगी जिसमें गुड़ चना गेहूं बाजरा आदि को मिलाकर चारा तैयार किया जाएगा। यह मशीन करीब सवा लाख रुपए की आएगी। इसके साथ भी सफाई के लिए भी अत्याधुनिक मशीनें मंगवाई गई हैं।
पक्षी आश्रय स्थल की हुई थी पहल सुधासागर गौशाला में करीब 4 वर्ष पूर्व पक्षी आश्रय स्थल बनाया गया था जो करीब 2 मंजिला है । यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। इसमें कबूतर, चिडिय़ा सहित अनेक रंग बिरंगे पक्षियों के लिए घरौंदे बनाए गए हैं । जिसमें पक्षियों के लिए घास का बिछौना और और दाने की व्यवस्था की गई है।
जिसमें वह शाम होते ही डेरा डाल लेते हैं। बर्ड फ्लू के संक्रमण को रोकने के लिए पक्षियों के घरों में दवा का छिडक़ाव करवाया गया है ताकि वह सुरक्षित रह सके। पक्षियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए वेटरनरी डॉक्टर भी यहां उपलब्ध रहते हैं।