स्कीम नंबर दस निवासी पंडित यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति इस बार 14 व 15 जनवरी को मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को ग्रहों के राजा सूर्य देव धनु राशि से निकलकर रात्रि 8. 45 बजे तक मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही धनु मलमास का समापन हो जाएगा। 15 जनवरी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
बाजार में होने लगी खरीदारी
मकर संक्रांति पर श्रद्धालु अपने सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य करते हैं। इसके चलते इन दिनों अलवर के बाजारों में खरीदारी का माहौल बना हुआ हैं। गर्म कपड़े, प्लास्टिक का सामान, कपडे से बना सामान, भगवान को अर्पित की जाने वाली वस्तुएं, महिलाओं को दान में देने के लिए सुहाग सामग्री सहित अन्य उपयोगी वस्तुओं की खूब बिक्री हो रही है। दान में एक साथ चौदह वस्तुएं दिए जाने की परंपरा है। इसके चलते एक साथ ज्यादा सामान बिक रहा है। इससे व्यापारी खुश है और अधिक स्टॉक मंगवाया है।
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सज गई बल्लों की दुकान
मकर संक्रांति पर अलवर में बल्ला व गेंद से खेलने की परंपरा है। इसके चलते बाजारों में बल्ला व गेंद की बिक्री शुरू होने लगी है। इन दिनों स्कूलों में अवकाश के चलते इसकी बिक्री भी खूब हो रही है।
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दान पुण्य का रहता है विशेष महत्व
मकर संक्रांति पर दान पुण्य का विशेष महत्व रहता है। इस दिन तिल से बनी वस्तु, खिचडी आदि का दान विशेष रूप से किया जाता है। इसके साथ ही अन्न व गर्म वस्त्र दान किए जाते हैं। श्रद्धालु मंदिरों में व गोशालाओं में विशेष् रूप से दान करते हैं। इस दिन तीर्थस्नान के लिए श्रद्धालु बडे़ बडे तीर्थ पर जाते हैं। इस दिन शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से मानव सेवा व जीव सेवा के लिए शिविर भी लगाए जाएंगे। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है।