बहुत खूबसूरत थी भानगढ़ की राजकुमारी
इतिहास कहता है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती बहुत खूबसूरत थी। इसकी चर्चा पूरे राज्य में थी। दूर प्रदेश के राजकुमार तक उससे शादी करने की इच्छा रखते थे। उस समय रत्नावती की उम्र केवल 18 साल थी। एक दिन राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ बाजार में निकलीं। इत्र की दुकान पर वे सभी रुक गईं। जब वे इत्र की एक शीशी को लेकर उसे सूंघ रही थी, तभी वहां सिंधु सेवड़ा नाम का एक आदमी आया। वो राजकुमारी पर मोहित था। इसलिए वो उन्हें गौर से देखने लगा। कहते हैं सिंधु सेवड़ा काला जादू जानता था। राजकुमारी के रूप से आकर्षित हो कर वो उससे प्रेम करने लगा था और उसे किसी भी तरह हासिल करना चाहता था। इसलिए उसने इत्र की दुकान पर उस शीशी को काले जादू से मंत्रित कर दिया, जिसे रानी पसंद कर रही थी।
लेकिन राजकुमारी के विश्वासपात्र ने उसे सारी सच्चाई बता दी।
राजकुमारी ने फेंक दी शीशी जब राजकुमारी को सच्चाई पता चल गई, तो उसने इत्र की शीशी पास ही एक पत्थर फेंक दी। इससे शीशी टूट गई और इत्र बिखर गया। काला जादू होने के कारण पत्थर सिंधु सेवड़ा के पीछे हो लिया और उसे कुचल डाला। सिंधु सेवड़ा तो मर गया, लेकिन मरने से पहले उस तांत्रिक ने श्राप दिया कि इस किले में रहने वाले सभी लोग जल्द ही मर जाएंगे और दुबारा जन्म नहीं लेंगे। उनकी आत्मा इस किले में ही भटकती रहेंगी।
श्राप के बाद हुआ युद्ध
तांत्रिक के मरने के बाद भानगढ़ व अजबगढ़ के बीच युद्ध हुआ और भानगढ़ किले के सारे लोग मारे गए। इसमें राजकुमारी भी शामिल थीं। लोग कहते हैं कि एक किले में इस तरह इतने लोगों के एक साथ मरने के बाद वहां चीत्कार मच गया और अब उन सबकी आत्माएं किले में घूमती हैं।
तांत्रिक के मरने के बाद भानगढ़ व अजबगढ़ के बीच युद्ध हुआ और भानगढ़ किले के सारे लोग मारे गए। इसमें राजकुमारी भी शामिल थीं। लोग कहते हैं कि एक किले में इस तरह इतने लोगों के एक साथ मरने के बाद वहां चीत्कार मच गया और अब उन सबकी आत्माएं किले में घूमती हैं।
सूर्यास्त के बाद प्रवेश निषेध
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को खुदाई के बाद सबूत मिले हैं कि यह शहर एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थल रहा था। अब किला भारत सरकार की देख रेख में आता है। किले के चारों तरफ आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) की टीम मौजूद रहती है। एएसआई ने सूर्यास्त बाद किसी के भी यहां रुकने को प्रतिबंधित कर रखा है। यहां तक कि सूर्यास्त के बाद प्रवेश भी वर्जित है।