आखिर दोषी कौन? गुणवत्तापरक कार्य के बावजूद भुगतान रोकने से खैरथल नगर पालिका की साख को बट्टा लगाने वाले कौन हैं? इसकी जांच के बाद उन्हें सजा भी दी जानी चाहिए। हालात ये हैं कि गुणवत्तायुक्त निर्माण का भुगतान रोक लिया गया और घटिया निर्माण करने वालों के भुगतान किए जाते रहे।
खैरथल के वार्ड 25 में पार्क की चारदीवारी का निर्माण दो बार बाहरी एजेंसी की जांच में सही पाया गया। यही नहीं चार साल बाद भी मौके पर चारदीवारी ठीक है। जिससे साफ जाहिर है कि निर्माण अच्छा हुआ है। अब अधिकारी दबी जुबान से स्वीकार कर रहे हैं कि राजनीति के कारण पालिका की साख को बटï्टा
लग गया।
लग गया।
चर्चा में रहा मामला बुधवार को नाजिर रजनीश कुमार शर्मा के साथ वादी विक्रम चौधरी व एडवोकेट राजेश मिश्रा ने नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी मुकेश शर्मा को वारंट तामील कराए। इसके तुरंत बाद ही अधिकारी ने 32 लाख रुपए का भुगतान कर दिया।
ये है पूरा घटनाक्रम वार्ड 25 में हनुमान पहाड़ी स्थित एक पार्क की चारदीवारी का निर्माण 21 सितम्बर 2015 को कराया। निर्माण के बदले 23 लाख 10 हजार 985 रुपए का बिल पालिका को दिया गया। लेकिन बाद में बाहरी लोगों की झूठी शिकायत पर भुगतान रोक दिया। जबकि पीडब्ल्यूडी की जांच में निर्माण सही मिला। 26 अप्रेल 2019 को एमएनआईटी की जांच में भी निर्माण गुणवत्तापरक मिला। इसके बाद 22 मार्च 2019 को एडीजे कोर्ट संख्या एक किशनगढ़बास ने ठेकेदार को नौ प्रतिशत ब्याज सहित पालिका को भुगतान के आदेश दिए। फिर भी भुगतान नहीं किया तो 26 सितम्बर 2019 को न्यायालय ने नगर पालिका भवन की कुकी के आदेश कर दिए।
चर्चा में रहा मामला
बुधवार को नाजिर रजनीश कुमार शर्मा के साथ वादी विक्रम चौधरी व एडवोकेट राजेश मिश्रा ने नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी मुकेश शर्मा को वारंट तामील कराए। इसके तुरंत बाद ही अधिकारी ने 32 लाख रुपए का भुगतान कर दिया।
बुधवार को नाजिर रजनीश कुमार शर्मा के साथ वादी विक्रम चौधरी व एडवोकेट राजेश मिश्रा ने नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी मुकेश शर्मा को वारंट तामील कराए। इसके तुरंत बाद ही अधिकारी ने 32 लाख रुपए का भुगतान कर दिया।
ये है पूरा घटनाक्रम वार्ड 25 में हनुमान पहाड़ी स्थित एक पार्क की चारदीवारी का निर्माण 21 सितम्बर 2015 को कराया। निर्माण के बदले 23 लाख 10 हजार 985 रुपए का बिल पालिका को दिया गया। लेकिन बाद में बाहरी लोगों की झूठी शिकायत पर भुगतान रोक दिया। जबकि पीडब्ल्यूडी की जांच में निर्माण सही मिला। 26 अप्रेल 2019 को एमएनआईटी की जांच में भी निर्माण गुणवत्तापरक मिला। इसके बाद 22 मार्च 2019 को एडीजे कोर्ट संख्या एक किशनगढ़बास ने ठेकेदार को नौ प्रतिशत ब्याज सहित पालिका को भुगतान के आदेश दिए। फिर भी भुगतान नहीं किया तो 26 सितम्बर 2019 को न्यायालय ने नगर पालिका भवन की कुकी के आदेश कर दिए।