मनरेगा योजना के शहरी क्षेत्र में प्रारम्भ होने से शहर के लोगों को शहर में ही रोजगार मिलने लगा है। पहले शहर के लोग परिवार छोड़ कर रोजगार की तलाश में अलवर, एमआईए व जयपुर आदि शहरों में मजदूरी के लिए जाते थे। अब शहर के लोगों को यहीं मजदूरी मिलने से लोगों का बाहर जाना कम हो गया है। अब शहरी योजना से परिवार सहित शहर में ही रोजगार मिल रहा है।
नगर पालिका के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पौधे और ट्री गार्ड लगाए शहरी मनरेगा योजना में सार्वजनिक स्थल की सफाई का कार्य करवाए जा रहे हैं। सरकारी भवनों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई व पुताई करवाई गई है। बरसात में 5000 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 3500 पौधे लगा दिए गए हैं। वहां पौधों के बचाव के लिए ट्री गार्ड लगा रहे हैं।
अब तक 1785 जॉब कार्ड बनाए 2022 में इस योजना के चालू होने के बाद से अब तक पालिका लक्ष्मणगढ़ में 1785 जॉब कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें से 1650 परिवारों के श्रमिकों को इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में काम मिला है। योजना में अब तक 3 करोड़ रुपए से अधिक की मजदूरी, सामग्री और प्रशासनिक व्यय पर खर्च हुए हैं। इस योजना में अधिकतम 259 रुपए प्रतिदिन मजदूरी श्रमिकों को दी।
इस प्रकार दिया योजना में रोजगार -9 सितंबर 2022 से 31 मार्च 23 तक 1180 परिवार -1 अप्रेल 23 से 31 मार्च 24 तक 1583 परिवार -1 अप्रेल 24 से अब तक 1650 परिवारों को रोजगार दिया।
इस प्रकार रही उपस्थित 9 सितंबर से 31 मार्च 23 तक कुल 40667 श्रमिकों की उपस्थित दर्ज रही, वही 01 अप्रेल से 31 मार्च 24 तक कुल 79981, । 9 सितंबर से अभी कुल 127840 उपस्थित दर्ज की जा चुकी है। योजना में कनिष्ठ तकनीक सहायक लोकेश कुमार प्रजापत व कुलदीप मीना व लेखा सहायक अरुण परिहार तथा एमआईएस मैनेजर मनीषा कुमारी तथा शहरी रोजगार सहायक रिंकू मीना व जितेंद्र वर्मा की ओर से फील्ड के कार्यों की मॉनिटरिंग कर योजना का शहर के लोगों को लाभ दिलवा रहे हैं। योजना की बढ़िया मॉनिटरिंग होने से लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ रही है।
विभिन्न कार्य किए जा रहे है नगर पालिका लक्ष्मणगढ़ ईओ समय सिंह मीणा के अनुसार योजना में ज्यादा से ज्यादा परिवारों को रोजगार दिलवाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। श्रमिकों की ओर से नगर पालिका क्षेत्र में विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।
वहीं कनिष्ठ अभियंता नपा लक्ष्मणगढ़ श्यामसुंदर पांडे का कहना है कि योजना का लोगों को लाभ मिल रहा है। इसमें काम करने वाले महिला व पुरुषों की ओर से पौधरोपण, सार्वजनिक स्थलों की सफाई, रंगाई व पुताई का कार्य भी कराया गया है।