– वाहनों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ रही, सरकार के पास नहीं ठोस ट्रैफिक प्लान
अलवर. जिले की सड़कों पर हर साल कार सहित हजारों वाहन बढ़ जाते हैं। ये वाहन जिन रास्तों पर चल रहे हैं, उनमें ज्यादातर रास्ते बरसों पुराने हैं। जो कि अतिक्रमण के कारण सिकुड़ते जा रहे हैं। वाहनों के बढ़ते दबाव से ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ रही है, लेकिन सरकार के पास अलवर के लिए कोई ठोस ट्रैफिक प्लान नहीं है। ऐसे में लोगों को ट्रैफिक की भारी समस्या जूझना पड़ रहा है। अलवर आरटीओ कार्यालय के रेकॉर्ड के अनुसार अलवर जिले में फिलहाल 4 लाख 11 हजार 780 दुपहिया और 39 हजार 772 चौपहिया (मोटर कार) वाहन हैं। पिछले पांच साल में इन वाहनों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है।
अलवर. जिले की सड़कों पर हर साल कार सहित हजारों वाहन बढ़ जाते हैं। ये वाहन जिन रास्तों पर चल रहे हैं, उनमें ज्यादातर रास्ते बरसों पुराने हैं। जो कि अतिक्रमण के कारण सिकुड़ते जा रहे हैं। वाहनों के बढ़ते दबाव से ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ रही है, लेकिन सरकार के पास अलवर के लिए कोई ठोस ट्रैफिक प्लान नहीं है। ऐसे में लोगों को ट्रैफिक की भारी समस्या जूझना पड़ रहा है। अलवर आरटीओ कार्यालय के रेकॉर्ड के अनुसार अलवर जिले में फिलहाल 4 लाख 11 हजार 780 दुपहिया और 39 हजार 772 चौपहिया (मोटर कार) वाहन हैं। पिछले पांच साल में इन वाहनों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है।
पांच सालों में बढ़ गए 32977 चौपहिया वाहन
आनुपातिक रूप से देखें तो अलवर जिले में चौपहिया वाहनों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। पिछले पांच साल में अलवर आरटीओ कार्यालय में 32 हजार 977 चौपहिया (मोटर कार) वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जबकि अलवर जिले में कुल 39 हजार 772 चौपहिया वाहन हैं। यानि कि विगत पांच साल से पहले सिर्फ 6 हजार 795 चौपहिया वाहन हैं। वहीं, इन पांच सालों में दुपहिया वाहन 2 लाख 29 हजार 208 बिके हैं। दुपहिया वाहनों की बिक्री में पिछले पांच साल में साल दर साल कमी आई है, लेकिन दुपहिया और चौपहिया वाहनों को मिलाकर देखें तो विगत पांच साल में अलवर जिले में 2 लाख 62 हजार 185 वाहनों की संख्या बढ़ी है।
आनुपातिक रूप से देखें तो अलवर जिले में चौपहिया वाहनों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। पिछले पांच साल में अलवर आरटीओ कार्यालय में 32 हजार 977 चौपहिया (मोटर कार) वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जबकि अलवर जिले में कुल 39 हजार 772 चौपहिया वाहन हैं। यानि कि विगत पांच साल से पहले सिर्फ 6 हजार 795 चौपहिया वाहन हैं। वहीं, इन पांच सालों में दुपहिया वाहन 2 लाख 29 हजार 208 बिके हैं। दुपहिया वाहनों की बिक्री में पिछले पांच साल में साल दर साल कमी आई है, लेकिन दुपहिया और चौपहिया वाहनों को मिलाकर देखें तो विगत पांच साल में अलवर जिले में 2 लाख 62 हजार 185 वाहनों की संख्या बढ़ी है।
दोगुने से ज्यादा अन्य राज्यों के वाहन चल रहे
जिले की सड़कों पर अलवर आरटीओ कार्यालय से रजिस्टर्ड होकर जितने वाहन चल रहे हैं। उससे दोगुने से ज्यादा वाहन ऐसे दौड़ रहे हैं, जो कि अन्य राज्यों से रजिस्टर्ड हैं और अलवर में चल रहे हैं। इनमें हरियाणा, दिल्ली, जयपुर और उत्तरप्रदेश में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या कई हजारों में हैं।
जिले की सड़कों पर अलवर आरटीओ कार्यालय से रजिस्टर्ड होकर जितने वाहन चल रहे हैं। उससे दोगुने से ज्यादा वाहन ऐसे दौड़ रहे हैं, जो कि अन्य राज्यों से रजिस्टर्ड हैं और अलवर में चल रहे हैं। इनमें हरियाणा, दिल्ली, जयपुर और उत्तरप्रदेश में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या कई हजारों में हैं।
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पांच साल में यूं बढ़ी वाहनों की संख्या
चौपहिया वाहन (मोटर कार)
वर्ष 5 सीटर 5 सीटर से ज्यादा़
2018-19 5325 888 2019-20 5600 802
2020-21 5532 681 2021-22 5659 796
2022-23 6507 1187 —-
दुपहिया वाहन
वर्ष दुपहिया वाहन
2018-19 50921
पांच साल में यूं बढ़ी वाहनों की संख्या
चौपहिया वाहन (मोटर कार)
वर्ष 5 सीटर 5 सीटर से ज्यादा़
2018-19 5325 888 2019-20 5600 802
2020-21 5532 681 2021-22 5659 796
2022-23 6507 1187 —-
दुपहिया वाहन
वर्ष दुपहिया वाहन
2018-19 50921
2019-20 56923 2020-21 37714 2021-22 38515 2022-23 45135 —–
साढ़े चार लाख से ज्यादा वाहन
अलवर जिले में वर्तमान में साढ़े चार लाख से ज्यादा दुपहिया और चौपहिया वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें 4 लाख 11 हजार 780 दुपहिया वाहन तथा 39 हजार 772 चौपहिया (मोटर कार) वाहन शामिल हैं। इसके अलावा बस, ट्रक व ट्रैक्टर आदि वाहनों की संख्या भी कई हजारों में है।
साढ़े चार लाख से ज्यादा वाहन
अलवर जिले में वर्तमान में साढ़े चार लाख से ज्यादा दुपहिया और चौपहिया वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें 4 लाख 11 हजार 780 दुपहिया वाहन तथा 39 हजार 772 चौपहिया (मोटर कार) वाहन शामिल हैं। इसके अलावा बस, ट्रक व ट्रैक्टर आदि वाहनों की संख्या भी कई हजारों में है।
– ललित गुप्ता, जिला परिवहन अधिकारी, अलवर।