अलवर. अलवर जिला अपराध की दृष्टि से काफी क्रिटिकल है। इसके बावजूद यहां पुलिस सुरक्षा इंतजाम काफी कमजोर बने हुए हैं। जिले की करीब 44 लाख की आबादी की सुरक्षा के लिए सिर्फ 2950 पुलिसकर्मी हैं। यानि कि एक पुलिसकर्मी के कंधों पर करीब 1500 लोगों की सुरक्षा का जिम्मा है। जबकि देश का आंकड़ा देखें तो एक पुलिसकर्मी पर 641 लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
अलवर और भिवाड़ी पुलिस जिले में हर साल औसतन 25 हजार आपराधिक मामले पुलिस के रेकॉर्ड में दर्ज होते हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, चोरी, अपहरण, बलात्कार फायरिंग व गैंगवार आदि अपराधों का ग्राफ काफी अधिक रहता है। अपराधों की रोकथाम के लिए अलवर पुलिस जिले में 24 और भिवाड़ी पुलिस जिले में 18 थाने हैं। वहीं, अलवर पुलिस जिले में करीब 1800 और भिवाड़ी पुलिस जिले में करीब 1158 की पुलिस नफरी है, जो कि काफी कम हैं। इस मौजूदा नफरी के बूते अपराधों पर अंकुश लगाना असंभव साबित हो रहा है।
अलवर और भिवाड़ी पुलिस जिले में हर साल औसतन 25 हजार आपराधिक मामले पुलिस के रेकॉर्ड में दर्ज होते हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, चोरी, अपहरण, बलात्कार फायरिंग व गैंगवार आदि अपराधों का ग्राफ काफी अधिक रहता है। अपराधों की रोकथाम के लिए अलवर पुलिस जिले में 24 और भिवाड़ी पुलिस जिले में 18 थाने हैं। वहीं, अलवर पुलिस जिले में करीब 1800 और भिवाड़ी पुलिस जिले में करीब 1158 की पुलिस नफरी है, जो कि काफी कम हैं। इस मौजूदा नफरी के बूते अपराधों पर अंकुश लगाना असंभव साबित हो रहा है।
करीब 670 पुलिसकर्मियों के पद रिक्त पुलिस मुख्यालय से अलवर पुलिस जिले के लिए करीब 2200 और भिवाड़ी पुलिस जिले के 1430 पुलिस नफरी स्वीकृत है। इसके अनुपात में अलवर पुलिस जिले में करीब 1800 और भिवाड़ी पुलिस जिले में 1158 पुलिस नफरी मौजूद है। दोनों पुलिस जिलों में करीब 670 पुलिसकर्मियों के पद रिक्त चल रहे हैं।
पांच हजार की नफरी हो तो रुके अपराध
पांच हजार की नफरी हो तो रुके अपराध
अलवर जिला राजस्थान-हरियाणा का सीमावर्ती जिला है और मेवात क्षेत्र है। यहां से सैकड़ों रास्ते हरियाणा की सीमा में प्रवेश करते हैं। दिल्ली और उत्तरप्रदेश भी पड़ोसी राज्य हैं। ऐसे में यहां की भौगोलिक परििस्थतियां अपराध के लिए अनुकूल हैं। हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के अपराधी गिरोह अलवर आकर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। जानकारों के अनुसार अलवर और भिवाड़ी दोनों पुलिस जिलों में करीब 5 हजार पुलिस नफरी होनी चाहिए। तभी जिले में अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
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करीब 1800 की नफरी अलवर पुलिस जिले के लिए करीब 2200 पुलिसकर्मियों की नफरी स्वीकृत है। जिसके मुकाबले यहां करीब 1800 पुलिसकर्मी पदस्थापित हैं। उपलब्ध संसाधनों में अपराधों की रोकथाम के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं।
– आनंद शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।