उधर सरकारी समर्थित मूल्य पर खैरथल क्रय-विक्रय सहकारी समिति की ओर से खैरथल मण्डी यार्ड स्थित समिति की दुकान पर सरसों व गेहूं एवं तिजारा में केवल गेहूं क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
संस्था के मुख्य प्रबन्धक बसंतकुमार परसोया ने बताया कि उनके यहां बुधवार तक 132 कृषकों की ओर से बिक्री के लिए पंजीयन कराया गया है। पंजीयन समिति के क्रय केन्द्र पर 10 रुपए व ई-मित्र पर 21 रुपए शुल्क के साथ कराया जा सकता है। इसमें कृषक को गिरदावरी, भामाशाह, आधार कर्ड व बैंक खाता की छाया प्रति देनी होगी। जबकि जिंस ले जाते समय केन्द्र पर गिरदावरी की असल प्रति दिखानी होगी। उन्होंने बताया कि राजफेड की ओर से खैरथल व तिजारा के साथ ही अलवर, बड़ौदा मेव, खेरली, लक्ष्मणगढ़, राजगढ़, बहरोड़ व रामगढ़ में एर्व एफ.सी.आई. की ओर से मालाखेड़ा, नौगांवा, गोविन्दगढ़, किशनगढ़बास, बानसूर में समर्थित मूल्य पर खरीद केन्द्र स्थापित कर कृषकों का पंजीयन प्रारम्भ कर दिया गया है। व्यापार मण्डल के अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता ने बताया कि मण्डी में सरसों की आवक प्रतिदिन 25 हजार से 30 हजार क्विंटल तक बनी हुई है। कृषि उपज मण्डी समिति के सचिव रामविलास यादव ने बताया कि मण्डी में पहले से उपलब्ध भोजन आदि की सुविधाओं के अतिरिक्त क्रय केन्द्रों पर छाया व पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है।
खैरथल मंडी की है अपनी अलग पहचान देशभर में खैरथल अनाज मंडी की अलग ही पहचान है। यहां से देशभर में माल जाता है। वहीं सरसों की बात करें तो खैरथल का सरसों का तेल भी विश्व प्रसिद्ध है। यहां का तेल बिल्कुल शुद्ध माना जाता है। खैरथल मंडी में इस बार सरसों की बंपर आवक बता रही है कि खैरथल की सरसों क्यों इतनी प्रसिद्ध है।