– ठेकेदार नहीं कर पा रहे आबकारी विभाग की गारंटी पूरी
अलवर. राज्य सरकार को राजस्व देने में अलवर आबकारी विभाग भले ही आगे हो, लेकिन बॉर्डर का जिला होने के कारण आबकारी के सामने चुनौतियां कम नहीं है। हरियाणा बॉर्डर के शराब ठेके आबकारी विभाग के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। इन ठेकों के आवंटन से लेकर गारंटी पूरी करने तक आबकारी को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
अलवर. राज्य सरकार को राजस्व देने में अलवर आबकारी विभाग भले ही आगे हो, लेकिन बॉर्डर का जिला होने के कारण आबकारी के सामने चुनौतियां कम नहीं है। हरियाणा बॉर्डर के शराब ठेके आबकारी विभाग के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। इन ठेकों के आवंटन से लेकर गारंटी पूरी करने तक आबकारी को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
अलवर जिले में आबकारी विभाग की 293 शराब की दुकानें हैं। जिले के बहरोड़, नीमराणा, भिवाड़ी, कोटकासिम, मुडावर, तिजारा, रामगढ़ व नौगांवा क्षेत्र में 80 से 90 शराब की दुकानें ऐसे क्षेत्रों में हैं, जो कि हरियाणा सीमा से लगते हुए हैं। राजस्थान के मुकाबले हरियाणा में शराब सस्ती होने के कारण ठेकेदार इन शराब की दुकानों को लेने में रुचि नहीं दिखाते हैं। आबकारी विभाग इन दुकानों के आवंटन के लिए बार-बार नीलामी प्रक्रिया अपनाता था। तब जाकर बड़ी मुश्किल से ये शराब की दुकान आवंटित हो पाती हैं। इन दुकानों पर शराब की बिक्री कम होने के कारण ठेकेदार गारंटी का माल तक नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में ये दुकानें आबकारी और ठेकेदार दोनों के लिए घाटे का सौदा बनी हुई हैं।
हरियाणा में शराब सस्ती
हरियाणा में शराब सस्ती
हरियाणा राज्य में शराब सस्ती है। राजस्थान के मुकाबले हरियाणा में शराब के रेट लगभग आधे हैं। ऐसे में इन सीमावर्ती क्षेत्रों में लोग हरियाणा की शराब ज्यादा खरीदते हैं। जिसके चलते बॉर्डर इलाके के हरियाणा के शराब ठेकों पर भीड़ लगी होती है। वहीं, राजस्थान सीमा के शराब ठेके सूने पड़े रहते हैं और यहां शराब की बिक्री कम रहती है।
अभी भी दो दुकानें नहीं हुई नीलाम
अलवर आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया मार्च माह में ही शुरू कर दी थी। अच्छी सेल वाले शराब दुकानों को लेने के लिए ठेकेदारों के बीच जबरदस्त स्पर्धा रही। जिसके चलते ज्यादा बिक्री वाली शराब की दुकानें तुरंत नीलाम हो गई। इसके बाद कम बिक्री और हरियाणा बॉर्डर वाली दुकानों के आवंटन के लिए आबकारी विभाग आधा दर्जन से ज्यादा बार नीलामी प्रक्रिया अपना चुका है, लेकिन अभी भी 293 में से 291 दुकानें ही आवंटित हो सकी है। बहरोड़ और कोटकासिम के बॉर्डर इलाके के दो दुकानों का अभी नीलाम नहीं हो सकी हैं।
अभी भी दो दुकानें नहीं हुई नीलाम
अलवर आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया मार्च माह में ही शुरू कर दी थी। अच्छी सेल वाले शराब दुकानों को लेने के लिए ठेकेदारों के बीच जबरदस्त स्पर्धा रही। जिसके चलते ज्यादा बिक्री वाली शराब की दुकानें तुरंत नीलाम हो गई। इसके बाद कम बिक्री और हरियाणा बॉर्डर वाली दुकानों के आवंटन के लिए आबकारी विभाग आधा दर्जन से ज्यादा बार नीलामी प्रक्रिया अपना चुका है, लेकिन अभी भी 293 में से 291 दुकानें ही आवंटित हो सकी है। बहरोड़ और कोटकासिम के बॉर्डर इलाके के दो दुकानों का अभी नीलाम नहीं हो सकी हैं।
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शेष दुकानों का जल्द होगा आवंटन
राजस्थान के मुकाबले हरियाणा में शराब की रेट लगभग आधी है। जिसके चलते अलवर जिले के हरियाणा सीमा से लगते क्षेत्रों में शराब की दुकानों की नीलामी में परेशानी आती है। अब तक 291 दुकानें नीलाम की जा चुकी है तथा शेष दो दुकानों का भी जल्द आवंटन कर दिया जाएगा।
शेष दुकानों का जल्द होगा आवंटन
राजस्थान के मुकाबले हरियाणा में शराब की रेट लगभग आधी है। जिसके चलते अलवर जिले के हरियाणा सीमा से लगते क्षेत्रों में शराब की दुकानों की नीलामी में परेशानी आती है। अब तक 291 दुकानें नीलाम की जा चुकी है तथा शेष दो दुकानों का भी जल्द आवंटन कर दिया जाएगा।
– ओपी सहारण, जिला आबकारी अधिकारी, अलवर।