बताया जा रहा है कि सिटीजन ऐप के अधिक उपयोग से ई-मित्र पोर्टल की उपयोगिता साबित नहीं हो पा रही थी। सिटीजन ऐप का रिकार्ड भी सरकार के पास नहीं पहुंच रहा था और न ही ग्राहक के पास कोई मैसेज आ रहा था। इस आदेश से राज्य भर के 80 हजार ई-मित्रों का कार्य प्रभावित हुआ है।
ज्यादातर संचालक बेरोजगार
इसमें अलवर शहर में करीब 400 और जिले भर में तीन हजार के लगभग ई-मित्र संचालक प्रभावित हुए हैं। इधर, ई मित्र संचालकों का कहना है कि ज्यादातर संचालक बेरोजगार है। ऐसे में सिटीजन सर्विस बंद होने से रोजगार पर संकट आ गया है। सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए सरकार को ई-मित्र सेवाएं बंद करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।यह भी हो सकती है वजह
राज्य सरकार के अनुसार सिटीजन आईडी का उपयोग करके कई फर्जीवाड़ा और अवैध गतिविधियां की जा रही थीं। सिटिजन आईडी का उपयोग करके कई नागरिकों की जानकारी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा था। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की घटनाएं बढ़ गई थीं। साइबर सुरक्षा की दृष्टि से सिटिजन सर्विस को बंद करना आवश्यक हो गया था।यह भी पढ़ें:
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