सरकार ने ऊंट पालकों के लिए ऊंट पालन प्रोत्साहन राशि 10 हजार से बढ़ाकर सीधे ही 20 हजार रुपए कर दी है। इसकी पहली किश्त राज्य सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे खातों में जारी कर दी गई। अलवर जिले में 3 लाख 80 हजार रुपए दिए गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल अलवर जिले में 1141 का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इसमें से 611 का ही सत्यापन हो पाया था। शेष जागरुकता की कमी व दस्तावेजों के जांच नहीं होने से सत्यापन से वंचित रहे। सत्यापन के बाद 187 पशुपालक थे। इस साल यह संख्या आधी से भी कम रह गई है।
दो किश्तों में मिलेंगे 20 हजार रुपए, पहली किश्त हुई जारी
योजना के तहत ऊंटनी के बच्चे के पालन पोषण के लिए पालकों को दो किश्तों में 20 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। प्रथम किश्त जन्म के दो माह बाद व दूसरी किश्त एक वर्ष आयु पूरी होने पर मिलेगी। प्रत्येक किश्त के रूप में 10 हजार मिलेंगे। एक पंजीकृत चयनित ऊंटनी की द्वितीय संतति को न्यूनतम 15 माह के अंतराल उपरांत लाभ मिल सकेगा। इससे पूर्व 5 हजार रुपए मिलते थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 हजार कर दिया गया था। पंजीकृत चयनित ऊंटनी और उससे जन्मी नर, मादा टोडिया जिनकी आयु 0 से 2 साल है उनके पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। इसके लिए पशु चिकित्सक की देखरेख में टैग लगाए जा रहे हैं। इसके लिए ऊंटनी और टोडिया का टैग दिखाते हुए संयुक्त फोटो को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। एक वर्ष पूरा होने पर पहचान पत्र जारी होगा। पंजीकृत चयनित टोडिया की मृत्यु की होने पर दूसरी किश्त का भुगतान नहीं किया जाएगा।
दो किश्तों में राशि
अलवर जिले में वर्तमान में सत्यापन के बाद 9 ऊंट पालक और उनकी 38 टोडिया, यानि ऊंट के बच्चे, प्रत्येक को पहली किश्त के 10 हजार रुपए दिए गए हैं। 58 टोडिया की फाइल कोषालय को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। वर्ष 2023-24 की पुरानी प्रक्रिया अभी चल रही है। इसमें 271 टोडिया को राशि दी गई। वर्ष 24-25 में 58 टोडिया पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि ऊंट के बच्चों का सत्यापन होने के बाद ही दो किश्तों में राशि दी जाती है।– मुरारी लाल संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग।