दरअसल, अलवर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव टिकट की दावेदारी जता रहे थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने युवा नेता व मंडावर विधायक ललित यादव पर भरोसा जताते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। ललित यादव की उम्मीदवारी के बाद से ही डॉ. करण सिंह यादव ने बगावती तेवर अपना लिए थे। ठीक 3 दिन उन्होंने कांग्रेस पार्टी की छोड़ दिया है।
इससे पहले, ललित यादव को प्रत्याशाी घोषित करने के बाद कांग्रेस में फूट की बात सामने आई और राजस्थान पत्रिका ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और एआईसीसी के महासचिव जितेंद्र सिंह से बातचीत की, जिसमें उन्होंने किसी भी तरह की फूट से इनकार किया। साथ ही सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी में कोई फूट नहीं है। हम एकजुट हैं। मेरी पूर्व सांसद करण सिंह से फोन पर बातचीत हुई है। वो किसी शादी में गए हैं, दो दिन बाद वो कैम्पेन में शामिल होंगे। संदीप यादव से भी बात हुई, वो शुक्रवार से कैम्पेन में शामिल होने जा रहे हैं। अलवर में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत होगी।
कांग्रेस में कोई फूट नहीं, करण सिंह और संदीप जल्द कैम्पेन करेंगे जॉइन-जितेंद्र सिंह
गौरतलब है कि डॉ. करणसिंह यादव ने 2019 लोकसभा चुनाव में भी टिकट की मांग की थी। हालांकि, कांग्रेस ने अलवर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह को मैदान में उतारा। जहां उन्हें बीजेपी उम्मीदवार बाबा बालकनाथ हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस बार कांग्रेस ने युवा चेहरे पर दांव खेला है। और मुंडावर विधायक ललित यादव को उम्मीदवार बनाया।
ललित यादव मौजूदा समय में मुंडावर से कांग्रेस विधायक हैं। उन्होंने अलवर लोकसभा क्षेत्र में 11 विधानसभा सीटों में से सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। अलवर लोकसभा सीट यादव बाहुल्य क्षेत्र है जहां कांग्रेस ने लगातार दो असफलताओं के बाद अलवर राजघराने के वंशज और राजपूत जितेंद्र सिंह की जगह एक यादव को मैदान में उतारा है। भाजपा ने अपने दो बार के सांसद बाबा बालक नाथ की जगह केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को टिकट दिया है।