दरअसल मेगा ट्रेड फेयर में सोमवार सायं 7.30 शर्ट विक्रेता वतन भाई की दुकान पर 5 जने पहुंचे और उन्होंने 600 रुपए के वस्त्र खरीदे। वस्त्र पैक कराकर भुगतान के लिए उन्होंने 100-100 रुपए के 6 नए नोट दुकानदार वतन को थमाए। नोटों को हाथ में लेकर शक होने पर वतन ने मेला प्रबंधक श्यामलाल और हरिओम को बुलाकर नोट दिखाए। सभी ने उन्हें नकली नोट होना करार देकर शक जाहिर किया। इसी दौरान 5 में से 3 जने वहां से गायब हो गए। जिससे मेला प्रबंधन और दुकानदार का शक और मजबूत हुआ। उन्होंने शेष बचे दोनों जनों को अन्य लोगों की मदद से दुकान पर बैठा लिया और यूआईटी-थर्ड थाना को इत्तिला दी।
सूचना के बाद मौके पर पहुंचे यूआईटी थाना प्रभारी सवाईसिंह रत्नू मेला प्रबंधक सहित दोनों आरोपियों को पुलिस थाने ले गए। जहां आरोपियों के साथ मेला प्रबंधक को भी उसका मोबाइल छीनकर बैठा दिया और मुस्तगीस के विरोध जताने पर उसे मेला बंद कराने की धमकी दे डाली। पत्रिका ने थाना प्रभारी रत्नू से पूछा तो मामले को दबाने की कोशिश करते हुए नकली नोटों को मनोरंजन बैंक के नोट बताया। जबकि नोटों के फोटो देखने पर साफ पता लग रहा था कि सभी नोट रिजर्व बैंक लिखे हुए नकली नोट हैं। साथ ही अपना स्टेटमेंट देने के लिए अधिकारियों के साथ जांच करने की बात कहकर टालते रहे। जिस पर पत्रिका ने पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीपसिंह कपूर को नोटों और पकड़े गए दोनों आरोपियों की फोटो भेजकर मामले में पुलिस का वक्तव्य चाहा। जिस पर उन्होंने मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए थोड़ी देर में जवाब देने को कहा।
आरोपियों से गांजा भी बरामद डीएसपी हरिराम कुमावत ने मेले में पकड़े गए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके नाम श्यामसिंह पुत्र अभिमन्यु गुर्जर (29) निवारी मिलकपुर गुर्जर व मनोज गुर्जर पुत्र माडाराम गुर्जर (26) निवासी भिवाड़ी मोड़ बताए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों आरोपी गांजा भी पीते हैं। तलाशी के दौरान इनके पास गांजे की पुडिय़ा भी मिली है। वहीं इनके तीन अन्य साथी जो भाग छूटे उनके बारे में अभी पूछताछ की जा रही है। वे यहां पर सट्टे का कार्य करते बताए, संभवत: उसी में नकली नोटों को खपाते रहे हों। जांच पूर्ण होने पर इसकी तह तक पहुंचा जा सकेगा। मामला दर्ज कर लिया गया है।