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मालाखेड़ा में साढ़े तीन साल बाद भी नहीं बन पाई आदर्श सीएचसी, जर्जर भवन में डॉक्टर व मरीज हो रहे भयग्रस्त

ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदार, अब अकबरपुर को सपना दिखाने की तैयारी। ऐसे में लोग इसे राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई से जोडक़र भी देख रहे है।

अलवरDec 16, 2024 / 11:45 pm

Ramkaran Katariya

मालाखेड़ा. गहलोत सरकार के शासनकाल में मालाखेड़ा सीएचसी को आदर्श के रूप में विकसित करने के लिए चयन तो किया, लेकिन साढ़े तीन साल बाद भी मालाखेड़ा सीएचसी आदर्श सीएचसी में तब्दील नहीं हो पाई। जहां पुराने क्षतिग्रस्त जर्जर अस्पताल भवन में भयग्रस्त होकर डॉक्टर मरीजों को परामर्श देने को मजबूर हैं। अब सरकार बदलने के साथ ही अकबरपुर को आदर्श सीएचसी बनाने के सपने दिखाए जाने लगे हैं। ऐसे में लोग इसे राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई से जोडक़र भी देख रहे हैं। चर्चाएं ये हैं कि अगर मालाखेड़ा सीएचसी को आदर्श सीएचसी बनाया जाता है तो इसका श्रेय राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जाता है, वहीं अकबरपुर में आदर्श सीएचसी बनने पर इसका श्रेय भाजपा को जाएगा।
सूत्रों के अनुसार 29 जुलाई 2021 को मालाखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए चयन किया। 3 वर्ष 6 महीने गुजर जाने के बाद भी अस्पताल की कायाकल्प के लिए 1 रुपया भी विकास के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व नाबार्ड से नहीं मिला।
60 साल पुराना है भवन

गौरतलब है कि 60 साल पुराने जर्जर सीएचसी भवन में चिकित्सक कक्ष, एक्स-रे रूम, जांच कक्ष, नेत्र कक्ष, डेंटल कक्ष, मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा वितरण रूम संचालित है। जहां छत से चुना गिरता है तथा मुख्य दरवाजे पर भी भारी मात्रा में चुना गिर चुका है। चिकित्सा कक्ष व अन्य कक्ष में सीलन आ रही है, जो निर्माण विभाग की सूची में अनुपयोगी भवन दर्शा रखा है। इस पुराने भवन को निरीक्षण के पश्चात मुख्य अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग जयपुर ने उनके यहां से जारी अधिसूचना के पत्र 26 फरवरी 2024 के अनुसार अस्पताल के पुराने भवन को जर्जर अनुपयोगी की श्रेणी में घोषित कर दिया। कलक्टर के फरवरी 2024 के निरीक्षण व निर्देश पर खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पुराने जर्जर क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत, लैट बॉथ, चिकित्सक कक्ष, बनाने के लिए एनआरएचएम विभाग को 7 जून 2024 को पत्र लिखा। जहां एनआरएचएम विभाग की ओर से आपत्ति दर्ज कराई कि 60 वर्ष पुराना भवन है, जो किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं है और इस पुराने भवन में मरम्मत व निर्माण विकास कार्य करना सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है।
आदर्श अस्पताल बनाने का सपना दिखा कर कर रहे धोखा

मालाखेड़ा क्षेत्र के पूर्व सरपंच राजेंद्र सिंह, बलबीरसिंह राजपूत, विजेंद्र सिंह, मूलचंद चौधरी, मुरारीलाल शर्मा, गोविंदसहाय व्यास, पूर्णचंद व्यास, समाजसेवी धर्मी चौधरी, अभिभाषक संघ अध्यक्ष फूलसिंह चौधरी, सचिव देवेंद्र प्रधान, आदर्श ग्राम विकास समिति जमालपुर के प्रमोदसिंह, दीपकसिंह, ईश्वरसिंह, भारत जाट, पूर्व प्रधान शिवलाल गुर्जर, उप प्रधान हटिया खान, सतीशकुमार चौधरी, जगदीशप्रसाद जाट ने आरोप लगाया कि मालाखेड़ा अस्पताल को आदर्श अस्पताल बनाने का सपना दिखा कर धोखा कर दिया। पुराने भवन को हटाकर नए भवन बनाने के लिए बजट इसी वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किया जाए। यहां पर करीब 102 गांव के लोग रोग उपचार के लिए आते हैं, जिन्हें एक ही कक्ष में बैठे चिकित्सकों के समक्ष घंटाें तक लाइन में खड़े रहकर बारी का इंतजार करना पड़ता है। मालाखेड़ा में स्वीकृत आदर्श अस्पताल बनने का कार्य शुरू भी नहीं हुआ कि उधर 26 सितंबर 2024 को एक पूर्व विधायक ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अकबरपुर को आदर्श अस्पताल बनाने की सिफारिश कर दी।
निर्माण कार्य के लिए धनराशि स्वीकृत नहीं की

मालाखेड़ा में आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में चयन तो किया, लेकिन निर्माण कार्य के लिए धनराशि स्वीकृत नहीं की गई। अस्पताल का आउटडोर 700 के पार रहता है। चिकित्सकों को बैठने के लिए अलग-अलग कक्ष नहीं है। शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सामान्य चिकित्सक के लिए अलग-अलग कक्ष की व्यवस्था नहीं होने से मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
डॉ. लोकेश मीणा, बीसीएमएचओ, मालाखेड़ा।

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स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी लिख चुके

मालाखेड़ा क्षेत्र के गांव, जनसंख्या, आउटडोर, प्रसव, बढ़ती हुई संख्या तथा पुरानी जर्जर क्षतिग्रस्त भवन को देखते हुए वहां पर नया भवन बने। इसके लिए बजट स्वीकृत करने के लिए पिछले दिनों राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी लिखा जा चुका है।
योगेंद्र शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अलवर।

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