ग्रामीण क्षेत्रों के बाशिंदों का कहना है कि आधार में त्रुटि को लेकर जिम्मेदारों की ताकते रहते हैं। शिविर, ई-मित्र और आधार केन्द्रों पर नेटवर्क और सर्वर खराब होने की समस्या लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। आधार धारकों ने बताया कि नेटवर्क और सर्वर के चक्कर में दिनभर ई-मित्र व आधार केन्द्रों पर निकल जाता है और समाधान ढ़ाक के तीन पात ही रह जाता है।
इस तरह से आ रही समस्याएं व इन्हें हो रही परेशानी केस 1- कक्षा आठ के एक छात्र ने बताया कि उसकी आठवीं की अंकतालिका में जन्म तिथि 15.09.2009 है, जबकि गलती से आधार कार्ड में 12.05.2010 अंकित हो जाने से स्कूल में दाखिला लेना भारी पड़ रहा। साथ ही शिक्षण संबंधी योजनाओं में आधार कार्ड की उपयोगिता में छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
केस 2- हिरनोटी निवासी कक्षा आठ के एक अन्य छात्र ने बताया कि उसकी अंकतालिका में जन्म तिथि 5.08.2010 अंकित है, जबकि आधार कार्ड में जन्म तिथि की जगह ओसीबी लिखा हुआ है, जिसके कारण छात्रवृत्ति व योजनाओं में अड़चन आ रही है।
केस 3- पिनान के महेश चंद मीणा ने बताया कि उसके बेटे की अंकतालिका में सागर मीणा नाम है, जबकि आधार कार्ड में सागर कुमार मीणा लिखा हुआ है। जिसके कारण छात्रवृत्ति व अन्य सुविधाएं अटकी हुई है।
केस 4- पिनान निवासी 74 वर्षीय जड़ाव देवी पत्नी जगदीश प्रसाद जांगिड़ ने बताया कि फिंगर व आंख से आधार कार्ड का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण राशन व केवाईसी नहीं हो पा रही। कई बार आधार केन्द्रों पर चक्कर लगाया गया, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
समाधान उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में हो जाएगा विकास अधिकारी नेतराम मीणा का कहना है कि आधार कार्ड संबंधी समस्या के लिए इग्जेम्प्ट करने की पावर रैणी एसडीएम के अधीन है। ऐसी समस्या आ रही हैं तो आधार धारकों का समाधान उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में हो जाएगा और समस्या की पुनरावृत्ति भी नहीं होगी।