नोटिस के बावजूद नहीं तोड़े निर्माण सिलीसेढ़ बांध में आसपास के पहाड़ों का पानी पहुंचता है, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने वहां से आने वाले पानी का रास्ता होटल और फॉर्म हाउस बनाकर रोक दिया है। पानी के रास्ते में ऊंची दीवार खड़ी कर दी गई हैं। इससे पानी बांधों तक पहुंच ही नहीं पा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि बहाव व भराव क्षेत्र में हुए निर्माण बिना नोटिस कभी भी तोड़े जा सकते हैं, लेकिन जयसमंद और सिलीसेढ़ बांध के पानी के रास्ते में हुए निर्माण को तोडने के मामले में उल्टी गंगा बहाई जा रही है। प्रशासन ने निर्माण करने वालों को नोटिस दे रखे हैं, लेकिन उन्हें तोडऩे की जहमत नहीं उठा रहा है।
रूपारेल ने बदला रास्ता रास्ते रोक दिए जाने से जयसमंद बांध में रूपारेल नदी का पूरा पानी नहीं आ रहा है क्योंकि राह के अवैध निर्माण की वजह से उसने रास्ता बदल लिया है और सीधा भरतपुर की ओर जा रहा है। अगर ये निर्माण नहीं होते तो जयसमंद पर चादर चल चुकी होती।