अलवर

टहला व सरिस्का गेट से पांडुपोल हनुमान मंदिर के दर्शन कराएंगी इलेक्ट्रिक बस, ट्रायल रन पास

दो रूट पर चलेंगी 30 बसें, प्रति बस क्षमता 20 सवारी। ट्रायल के आधार पर अब तय होगा किराया, दोनों ही रूट से 20 किमी दूर है मंदिर, पार्किंग भी बनेंगी।

अलवरDec 10, 2024 / 11:22 pm

Ramkaran Katariya

अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व में इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल रन मंगलवार को पास हो गया। दो रूटों पर यह बसें चलेंगी। एक बस की क्षमता अधिकतम 20 सवारी की है। इस तरह दोनों रूटों से एक साथ में 600 श्रद्धालु पांडुपोल मंदिर पहुंच सकेंगे। ट्रायल रन के आधार पर ही बस कंपनी किराया तय करके इसकी रिपोर्ट सरिस्का प्रशासन को देगी।
3 घंटे में हुआ सफर :

तमिलनाडु की कंपनी एक्विला की इलेक्ट्रिक बसें मंगलवार को सरिस्का पहुंची। बसों को कंपनी के अधिकारी व सरिस्का प्रशासन ने टहला व सरिस्का गेट से पांडुपोल मंदिर तक रवाना किया। एक साइड से हनुमान मंदिर की दूरी 20 किमी है। ऐसे में आना-जाना 40 किमी हुआ। इस सफर में बस ने एक रूट पर करीब 3 घंटे लिए। इसमें आधे घंटे का पार्किंग टाइम भी शामिल है। बस का शोर बिल्कुल नहीं था। बस पांडुपोल मंदिर पार्किंग स्थल से मोडकर हर दृष्टि से देखा गया, ताकि बाद में दिक्कतें न आएं।
बसें एक साथ एक ही रूट पर रवाना नहीं होंगी। इसके लिए शेड्यूल तय होगा। सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक संचालन करने की योजना है। ऐसे में हर 15 से 20 मिनट में एक बस का संचालन हो सकता है। यदि श्रद्धालुओं की संख्या काफी हो जाती है तो एक साथ भी बसों को रवाना किया जा सकता है।
बस की खासियत

एक बस की क्षमता 20 सवारी की है। यह 20 से 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। अधिकतम 2 हजार किलोभार झेल पाएगी। इसमें सात से 10 किलोवाट की बैट्री लगी हैं। यह 6 से 8 घंटे में चार्ज हो जाती हैै। माइलेज 60 किमी तक है। इस बस की कीमत करीब 9.63 लाख रुपए है।
ये होंगे रूट

सरिस्का के मुख्य गेट से पांडुपोल हनुमान मंदिर तक 20 किमी लंबाई

टहला गेट से पांडुपोल मंदिर तक 20 किमी लंबाई तक।

25 रुपए तक हो सकता है किराया
अब तक पांडुपोल मंदिर तक लोग मंगलवार व शनिवार अपने वाहनों से जाते थे। इसमें डीजल व पेट्रोल खर्च काफी आता था। ऐसे में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से खर्च कम होगा। प्रति सवारी 25 रुपए तक एक साइड का किराया हो सकता है। हालांकि इससे कम-अधिक संबंधित कंपनी तय करेगी। उसके बाद रेट सरकार मंजूर करेगी।
चार्जिंग स्टेशन यहां

सरिस्का गेट के पास ही भृर्तहरि धाम है। ऐसे में यहीं पर चार्जिंग स्टेशन बनेगा। एक साथ 10 बसों की चार्जिंग हो सकेगी। उसके बाद दूसरे चरण में चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने की योजना है।
इसलिए इलेक्ट्रिक बसें आईं

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए थे कि वन्यजीवों को पेट्रोल-डीजल के वाहनों से हो रहे नुकसान की भरपाई इलेक्ट्रिक वाहनों से हो सकती है। इसका संचालन 31 दिसंबर से पहले कर दिया जाए। समय सीमा तय होने के बाद बसों का ट्रायल किया गया।
डीएफओ सरिस्का अभिमन्यु सहारण का कहना है कि एक्विला कंपनी ने बसों का ट्रायल रन किया है। संबंधित कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। बसों का किराया भी संबंधित कंपनी प्रस्तावित करेगी। जल्द ही बसों का संचालन होगा।

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