तोतापुरी बकरों की गर्दन पीली और रंग एकदम सफेद होता है। ये बकरे 40 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक बिकते हैं। इनका वजन 50 से 80 किलो तक होता है। गांव पिलवा के पप्पू उर्फ बाबर अली पिछले 20 सालों से बकरों का व्यापार कर रहे हैं। यह इनका शौक भी है। खुद ही बकरा पालते है हाल ही में इनके पास 25 बकरे हैं जिनको यह 2 साल से पाल रहे है । इनके एक बकरे की कीमत लगभग लगभग 2 लाख तक की लगाई जा चुकी है। यह बताते हैं कि बकरों की सेहत बनाने के लिए सुबह के खाने में बकरों को दूध और खिले हुए चने दिए जाते हैं।
दोपहर में जौ और सब्जियों के पत्ते, शाम को मक्का और अनाज खिलाया जाता है। भले ही बच्चों को दूध नहीं मिले लेकिन बकरों को प्रतिदिन एक- एक 1 लीटर दूध पिलाया जाता है। बकरों को गर्मी नहीं लगे इसलिए इनके लिए पंखा लगाया जाता है। यह बकरे कुर्बानी के लिए जाते हैं। इनको पक्की जगह पर रखा जाता है। हर जरुरत का ख्याल रखा जाता है। हर जरूरत की चीज पर नजर रखी जाती है।