कोरोना संक्रमण में बनाए अस्थायी यार्ड : नगर परिषद ने शहर में कोरोना संक्रमण काल के दौरान कई जगह पर अस्थायी डंङ्क्षपग यार्ड बना दिए थे। ग्वाल्दा कचरा नहीं पहुंचाकर ईजी डे से नगीना गार्डन वाली रोड, बाइपास, मंशा चौक से भगत ङ्क्षसह कॉलोनी को जाने वाले रास्ते पर कचरा फेंका गया। इस कचरे का कभी कोई निस्तारण नहीं हुआ और जहां फेंका गया था, वहीं गल कर समाप्त हो गया। इस तरह हानिकारक कचरे ने जल, वायु और मिट्टी को दूषित किया।
परिषद का यार्ड कचरे से भरा तो जहां मौका मिला, वहां कचरा खाली कर दिया
भिवाड़ी. नगर परिषद का डंपिंग यार्ड भर चुका है। इसका नतीजा यह निकला है कि शहर में जगह-जगह अस्थायी डंङ्क्षपग यार्ड बन रहे हैं। सफाई में लगी एजेंसियों को जहां मौका मिलता है, वहीं कचरे को फेंक दिया जाता है। आवासन मंडल कार्यालय के नजदीक जिस भूमि पर पानी भरा है, वहां नाले के बराबर में खाली भूमि में शाम को कचरा जलाया जाता है। इसके साथ ही बीडा ने काली खोली में जहां फल सब्जी मंडी विकसित की है, कन्या महाविद्यालय का निर्माण हो रहा है। वहां पर कई जगह कचरे को पटका जा रहा है। ऊंची-नीची भूमि को कचरा डालकर समतल किया जा रहा है। परिक्रमा मार्ग पर भी कई जगह कचरा फेंका जा रहा है। शहर से कचरा उठाकर दूसरी जगहों को दूषित किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण में बनाए अस्थायी यार्ड : नगर परिषद ने शहर में कोरोना संक्रमण काल के दौरान कई जगह पर अस्थायी डंङ्क्षपग यार्ड बना दिए थे। ग्वाल्दा कचरा नहीं पहुंचाकर ईजी डे से नगीना गार्डन वाली रोड, बाइपास, मंशा चौक से भगत ङ्क्षसह कॉलोनी को जाने वाले रास्ते पर कचरा फेंका गया। इस कचरे का कभी कोई निस्तारण नहीं हुआ और जहां फेंका गया था, वहीं गल कर समाप्त हो गया। इस तरह हानिकारक कचरे ने जल, वायु और मिट्टी को दूषित किया।
स्टेडियम में भी वही हाल: बीडा की ओर से स्टेडियम के पहले फेज का निर्माण कराया जा रहा है। यहां भी कोरोना संक्रमण के दौरान परिषद ने हजारों टन कचरा एकत्रित किया। बीडा की ओर से स्टेडियम में करोड़ों रुपए लगाए जा रहे हैं लेकिन कचरा निस्तारण का कोई इंतजाम नहीं है। मिट्टी के नीचे कचरे को दबा दिया गया है। स्टेडियम निर्माण से पहले वहां जितना कचरा दिखता था, वह अब बहुत कम दिखाई देता है। आने वाले समय में जो कचरा बचा है, उसे भी इसी तरह छिपाकर विकास कार्य आगे बढ़ते रहेंगे। निर्माण कार्य के दौरान बीडा अधिकारियों ने परिषद और प्रदूषण मंडल अधिकारियों को यहां बुलाकर कचरा निस्तारण के लिए कार्ययोजना भी बनाई लेकिन वहा धरातल पर अभी तक नहीं आई है, जबकि स्टेडियम का निर्माण अंतिम चरण में है और दूर से दिखाई देने वाले कचरे के ढेर अब गायब होने लगे हैं। जिम्मेदार अधिकारी कचरे को स्टेडियम साइट पर निर्माण स्थल की जगह से दूसरे खाली क्षेत्र में ले जाने का भी अजीब तर्क देते हैं। लेकिन दूसरी तरफ तो पहले ही कचरा भरा हुआ था।
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