जिलेभर में 13 हजार महिला स्वयं सहायता समूह हैं। इन महिलाओं की ओर से कपड़े सिलाई से लेकर ब्रेड बनाने व जूट का सामान तैयार किया जा रहा है। अचार, पापड़, मुरब्बा बनाने के अलावा हैंडीक्राफ्ट, टैराकोटा आइटम बना रही हैं। इन उत्पादों को जिले में ही नहीं कई अन्य शहरों में भी भेजा जा रहा है। इससे होने वाली आय से महिलाएं अपने परिवारों को चला रही हैं। घर में काम का पूरा माहौल न मिल पाने के कारण उनका कार्य भी प्रभावित होता है। इसी को देखते हुए अब उन्हें वर्क पैलेस मुहैया कराने की तैयारी है। पंचायत में नया भवन बनाने की तैयारी चल रही है।
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एक समूह में 10 से 15 महिलाएं
एक महिला स्वयं सहायता समूह से 10 से 15 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। लगातार समूह दूसरी महिलाओं को जोड़ने का कार्य कर रही हैं। महिलाओं की संख्या बढ़ने के कारण उनके कार्य स्थल की भी तलाश जरूरी है। उसी के तहत जिला परिषद इस पर काम करने की तैयारी कर रही है।
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ताकि एक जगह बैठकर काम कर सकें
महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए वर्क पैलेस बनाने की तैयार है ताकि एक जगह बैठक महिलाएं कार्य कर सकें। हर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का विकल्प देखा जा रहा है। लाखों महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। इस पर जल्द ही काम पूरा करेंगे।बलबीर सिंह छिल्लर, जिला प्रमुख