कपास की बुवाई पर 3 महीने की इस फसल से किसानों का खर्चा एक बीघा पर जुताई, बिजाई, निराई, गुड़ाई, कीटनाशक का छिड़काव पर करीब 10000 का हुआ। इस बार मानसून मेहरबान रहने से कपास के खेतों में सिंचाई नहीं करनी पड़ी, जिससे बिजली का बिल की भी बचत किसान को हुई।
वर्तमान में कपास की खेती से किसान नरम और रूई हासिल कर मालामाल हो रहा है। उनके खेतों में लक्ष्मी बरस रही है। अच्छी देखभाल समय-समय पर निराई गुड़ाई करने पर कपास एक बीघा जमीन में कम से कम तीन क्विंटल से से 5 क्विंटल तक का उत्पादन किसान ने लिया है।
कपास की बिक्री शुरुआती दौर में कपास के दाम 6000 रुपए प्रति क्विंटल रहे। जहां मांग बढ़ने के साथ ही इसके दाम बढ़कर 8000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। जिससे किसानों के घर पर खुशी का माहौल है।
एक बीघा खेती पर लाभ किसान जगदीश चौधरी, सतीश चौधरी आदि का कहना है कि तीन महीने की इस कपास की खेती में कम से कम 25000 रुपए प्रति बीघा से 35000 रुपए प्रति बीघा की आमदनी हुई है।
किसान को काफी राहत मिली है उपनिदेशक कृषि विभाग, अलवर पीसी मीणा के अनुसार लगातार बारिश के कारण इस बार कपास का रकबा अलवर जिले में काम रहा है। उत्पादन तथा बाजार भाव सही मिलने से किसान खुश है। इस बार 19442 हैक्टेयर भूमि में कपास नरमा की बिजाई की गई। जहां किसान इसकी उपज लेकर लाभान्वित हुए हैं। इस बार लगातार बारिश से किसान को काफी राहत मिली है।