scriptकाँलेज शिक्षा : पाठयक्रम में एकरूपता और निर्धारित समय सीमा का मिलेगा छात्रों को लाभ | College Education: Uniformity in curriculum and fixed time limit will | Patrika News
अलवर

काँलेज शिक्षा : पाठयक्रम में एकरूपता और निर्धारित समय सीमा का मिलेगा छात्रों को लाभ

अलवर.. प्रदेश की उच्च शिक्षा में आरंभ होने वाले आगामी शिक्षा सत्र 2023-24 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित करने की कवायद प्रारम्भ हो गई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आगामी सत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश इसी नीति के अनुसार होंगे। इसे लेकर विभाग की ओर से अभी प्रारम्भिक तैयारी की जा रही है।

अलवरMay 04, 2023 / 05:14 pm

Ramkaran Katariya

राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्विद्यालय

राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्विद्यालय

अलवर.. प्रदेश की उच्च शिक्षा में आरंभ होने वाले आगामी शिक्षा सत्र 2023-24 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित करने की कवायद प्रारम्भ हो गई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आगामी सत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश इसी नीति के अनुसार होंगे। इसे लेकर विभाग की ओर से अभी प्रारम्भिक तैयारी की जा रही है।
राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेशर शील सिंधू पाण्डे ने बताया कि उच्च शिक्षा में नए सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने को लेकर प्रथम बैठक का आयोजन किया गया था, जो सार्थक रही। आगामी माह में भी इसे लेकर बैठकें होगी। शिक्षा नीति को लागू करना अच्छे प्रयास है और सभी चाहते हैं कि इसका लाभ बच्चों को भी मिल सके। 15 मई के बाद मत्स्य विश्विद्यालय की ओर से भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कार्यशाला का आयोजन होगा। जिसमें यहां के शिक्षकों की ओर से इस विषय को लेकर चर्चा-परिचर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि हाल ही में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के कुलपतियों और राजस्थान राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक हुई थी। जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति और फ्रेमवर्क के अनुसार आगामी सत्र में पाठ्यक्रम शुरू करने, पाठ्यक्रम समरूप बनाने और टाइमफेंम तय करने पर चर्चा की गई थी।प्रत्येक विद्यार्थी का
बनाया जाएगा क्रेडिट बैंक

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रत्येक विद्यार्थी का क्रेडिट बैंक बनाया जाएगा। इससे विद्यार्थी अपनी सुविधा से पूरे कोर्स के दौरान विश्विद्यिालय में परिवर्तन कर सकेगा। यह पूरा खाता विश्विद्यालय की अकादमिक बैंक में सुरक्षित रहेगा। विद्यार्थी अपनी पसंद से एक, दो, तीन और चार वर्ष के कोर्स का चयन कर सकेगा। इससे बीच में डिग्री खराब होने की आशंका से छुटकारा मिलेगा। छात्र एक वर्ष में पूरी करता है तो सर्टिफिकेट, दो वर्ष में पूरी करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष में डिग्री और चार वर्ष में डिग्री, रिसर्च या आनर्स डिग्री प्राप्त कर सकेगा। पूरे पाठ्यक्रम को प्रत्येक छह माह के अन्तराल में बांटा है। जिससे छात्रों को कोर्स पूरा करने में आसानी हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में फ्री एंट्री, फ्री एग्जिट, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम और सेमेस्टर हैं। विद्यार्थी अपनी रुचि से कला, वाणिज्य और विज्ञान के विषय को फ्रेमवर्क के तहत चुनाव कर सकेगा। प्रथम वर्ष व स्नातकोत्तर पूर्वार्ध में प्रवेश के समय फ्रेमवर्क का निर्धारण करना होगा।
कई यूनिवर्सिटी संसाधनों से परिपूर्ण तो कहीं में अभाव

नई शिक्षा नीति को लेकर जानकारों का कहना है कि हालांकि उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना अच्छा कदम है, लेकिन इसमें सबसे बडी अडचन यह है कि हाल ही में बनी नई यूनिवर्सिटी में स्टाफ और संसाधनों का अभाव है। जिसके कारण इसे लागू करने में थोडी परेशानी हो सकती है। इसके लिए विश्विद्यालयों में स्टाफ और संसाधनों की पूर्ति करनी होगी। पुरानी यूनिवर्सिटी के पास लगभग सभी संसाधन उपलब्ध है, जहां, इसे लागू करने मेें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। वहीं नई बनी यूनिवर्सिटी में स्टांफ और संसाधनों का अभाव होने के कारण यहां थोडी परेशानी का सामना करना पड सकता है।

Hindi News / Alwar / काँलेज शिक्षा : पाठयक्रम में एकरूपता और निर्धारित समय सीमा का मिलेगा छात्रों को लाभ

ट्रेंडिंग वीडियो