– ब्लैक स्पाट व सड़क के गड्ढों को भरने पर नहीं जिम्मेदारों का ध्यान
अलवर. सरकार सड़क सुरक्षा के खूब दावे कर रही है, लेकिन अलवर जिले की सड़कें इन सरकारी दावों को धता करार देते हुए हादसों का रन-वे बनी हुई हैं। यहां आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, जिनमें लोगों की जानें जा रही हैं तो कोई गंभीर घायल हो रहे हैं। इस साल अलवर जिले में सड़क हादसों में अचानक से काफी तेजी आई है। पांच महीनों में हादसों की संख्या पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा पहुंच चुकी है। सरकारी मशीनरी सड़क हादसों को रोक पाने में नाकाम बनी हुई है। अलवर पुलिस जिले में इस साल पांच महीनों में करीब 400 सड़क हादसे हो चुके हैं। इनमें से करीब 140 लोगों की मौत हो चुकी है और 350 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
अलवर. सरकार सड़क सुरक्षा के खूब दावे कर रही है, लेकिन अलवर जिले की सड़कें इन सरकारी दावों को धता करार देते हुए हादसों का रन-वे बनी हुई हैं। यहां आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, जिनमें लोगों की जानें जा रही हैं तो कोई गंभीर घायल हो रहे हैं। इस साल अलवर जिले में सड़क हादसों में अचानक से काफी तेजी आई है। पांच महीनों में हादसों की संख्या पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा पहुंच चुकी है। सरकारी मशीनरी सड़क हादसों को रोक पाने में नाकाम बनी हुई है। अलवर पुलिस जिले में इस साल पांच महीनों में करीब 400 सड़क हादसे हो चुके हैं। इनमें से करीब 140 लोगों की मौत हो चुकी है और 350 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
अचानक तेजी से बढ़ा हादसों का ग्राफ
पिछले साल अलवर पुलिस जिले में 230 सड़क हादसे हुए थे। इनमें 181 लोग घायल हुए थे तथा 86 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, इस साल जनवरी से अप्रेल तक चार महीनों में ही सड़क हादसों का ग्राफ पिछले साल के मुकाबले काफी ऊपर पहुंच गया है। इस साल जनवरी से अप्रेल तक अलवर पुलिस जिले में 310 सड़क हादसे हो चुके हैं। जिनमें 130 लोगों की जानें जा चुकी हैं तथा 292 लोग घायल हुए हैं।
पिछले साल अलवर पुलिस जिले में 230 सड़क हादसे हुए थे। इनमें 181 लोग घायल हुए थे तथा 86 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, इस साल जनवरी से अप्रेल तक चार महीनों में ही सड़क हादसों का ग्राफ पिछले साल के मुकाबले काफी ऊपर पहुंच गया है। इस साल जनवरी से अप्रेल तक अलवर पुलिस जिले में 310 सड़क हादसे हो चुके हैं। जिनमें 130 लोगों की जानें जा चुकी हैं तथा 292 लोग घायल हुए हैं।
‘ब्लैक स्पॉट’ दे रहे हादसों को न्यौता
अलवर जिले में चारों तरफ ब्लैक स्पॉट का जाल फैला हुआ है, जो लोगों के लिए काल साबित हो रहा है। अलवर जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करीब 33 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं। साल-2022 की रिपोर्ट के मुताबिक इन ब्लैक स्पॉट पर साल 2019 से 2021 तक, यानी तीन साल में 529 सड़क हादसे हुए हैं, लेकिन ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से गंभीरता से प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
अलवर जिले में चारों तरफ ब्लैक स्पॉट का जाल फैला हुआ है, जो लोगों के लिए काल साबित हो रहा है। अलवर जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करीब 33 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं। साल-2022 की रिपोर्ट के मुताबिक इन ब्लैक स्पॉट पर साल 2019 से 2021 तक, यानी तीन साल में 529 सड़क हादसे हुए हैं, लेकिन ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से गंभीरता से प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
क्षतिग्रस्त सड़कें और ओवर स्पीड बन रही काल
अलवर जिले में सड़कों की िस्थति खराब है। जगह-जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और उनमें गड्ढे और अवैध कट बने हुए हैं। नगर परिषद, यूआईटी और पीडब्ल्यूडी की ओर से सड़कों की हालत नहीं सुधारी जा रही है। वहीं, सड़कों पर दुपहिया-चौपहिया वाहन चालक भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और ओवर स्पीड में दौड़ रहे हैं, लेकिन पुलिस की ओर से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। जिसके कारण लगातार हादसे बढ़ रहे हैं।
अलवर जिले में सड़कों की िस्थति खराब है। जगह-जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और उनमें गड्ढे और अवैध कट बने हुए हैं। नगर परिषद, यूआईटी और पीडब्ल्यूडी की ओर से सड़कों की हालत नहीं सुधारी जा रही है। वहीं, सड़कों पर दुपहिया-चौपहिया वाहन चालक भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और ओवर स्पीड में दौड़ रहे हैं, लेकिन पुलिस की ओर से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। जिसके कारण लगातार हादसे बढ़ रहे हैं।
एक्सप्रेस-वे पर दौड़ रही मौत
अलवर जिले से गुज रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर भी वाहनों की तेज रफ्तार के साथ मौत दौड़ रही है। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर चौपहिया वाहनों की निर्धारित गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा है, लेकिन यहां वाहन 150 से 200 की स्पीड तक दौड़ रहे हैं। जिसके कारण यहां लगातार हादसे हो रहे हैं। पिछले तीन-चार माह में एक्सप्रेस-वे पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा हादसे हो चुके हैं, जिनमें 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
अलवर जिले से गुज रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर भी वाहनों की तेज रफ्तार के साथ मौत दौड़ रही है। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर चौपहिया वाहनों की निर्धारित गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा है, लेकिन यहां वाहन 150 से 200 की स्पीड तक दौड़ रहे हैं। जिसके कारण यहां लगातार हादसे हो रहे हैं। पिछले तीन-चार माह में एक्सप्रेस-वे पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा हादसे हो चुके हैं, जिनमें 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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अलवर पुलिस जिले में हादसों का ग्राफ
साल हादसे घायल मौत
2021 281 203 110
2022 230 181 86
2023 310 292 130
(नोट…उपलब्ध आंकड़े 30 अप्रेल 2023 तक)
—- रोकथाम के प्रयास जारी जिले में सड़क हादसों की रोकथाम के लिए पुलिस की ओर से अन्य विभागों के साथ मिलकर प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है।
– आनंद शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।
अलवर पुलिस जिले में हादसों का ग्राफ
साल हादसे घायल मौत
2021 281 203 110
2022 230 181 86
2023 310 292 130
(नोट…उपलब्ध आंकड़े 30 अप्रेल 2023 तक)
—- रोकथाम के प्रयास जारी जिले में सड़क हादसों की रोकथाम के लिए पुलिस की ओर से अन्य विभागों के साथ मिलकर प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है।
– आनंद शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।