एक और प्रदेश की राज्य सरकार करोडों रुपए खर्च कर अस्पतालों में सभी जांच नि:शुल्क उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ मौसमी बीमारियों व वायरल बुखार के सीजन में भी कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दर्जन भर से अधिक जांच करने वाली सीबीसी मशीन दो महीनों से खराब होने के चलते बंद है।
गौरतलब है कि दो महीने से मौसमी बीमारियों व वायरल बुखार का प्रकोप चल रहा है। अस्पताल में इन दिनों रोगी वायरल बुखार, ठंड, जुखाम के आ रहे हैं। डॉक्टर वायरल बुखार से पीड़ित रोगियों की सीबीसी, एमपी, विडोल जांच लिखते है, लेकिन सीबीसी जांच नहीं होने से रोगियों व उनके परिजनों को निराशा हाथ लगती है। सूत्रों के अनुसार काफी समय से सीबीसी मशीन की मरम्मत व सुधारने का कार्य एक प्राइवेट कम्पनी को दे रखा है, लेकिब दो महीने में कम्पनी के प्रतिनिधि सीबीसी मशीन को नहीं सुधार पा रहा है। अस्पताल लैब में लगे लेब टेक्नीशियन का कहना है कि कम्पनी के प्रतिनिधि कई बार मशीन को सुधार कर जांच कर चुके हैं, लेकिन एक दिन से ज्यादा मशीन नहीं चलती है। मशीन पुरानी हो चुकी है। सीएचसी को नई मशीन मिले, तभी रोगियों की जांच शुरू हो सकती है।
ये टेस्ट करती है मशीन कंप्लीट ब्लड़काउंट (सीबीसी) मशीन प्लेटलेट्स, हीमोग्लोबीन, डीएलसी, टीएलसी सहित कई अन्य मुख्य जांचे होती है। ऐसे में मशीन बंद होने के कारण रोगियाें की ये जांचे नहीं हो पा रही।
यह बोले लोग अस्पताल में सीबीसी मशीन दो माह से खराब है। रोगियों को मजबूर अस्पताल से बाहर दो सौ रुपए में जांच करवानी पड़ती है। जिससे रोगियों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ती है।
अशोक गाबा, अध्यक्ष किराना व्यापार समिति। …………. अस्पताल में लगी सीबीसी मशीन लगभग आठ-दस वर्ष पुरानी है, जो बार-बार खराब हो जाती है। अस्पताल के लिए नई मशीन स्वीकृत होनी चाहिए। वकील खान युवा बडौली
……………. सरकारी अस्पताल में सीबीसी सहित अन्य जांच निःशुल्क होती है, जबकि बाजार में सीबीसी जांच के लगभग दो सौ रुपए लगते है। बाहर जांच करवाने में रोगियों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ती है।
जसवंत सिंह युवा लक्ष्मणगढ़ ………………… अस्पताल से कस्बे की दूरी लगभग 3-4 किलोमीटर है। सीबीसी मशीन खराब होने से रोगियों को एक्स-रे करवाने के लिए वापस कस्बे में आना पड़ता है। फिर जांच करवा कर दिखाने के लिए अस्पताल जाना पड़ता है। जिससे रोगियों को परेशानी उठानी पड़ती है। जिन रोगियों या परिजनों के पास वाहन उपलब्ध नहीं होते, उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
इकबाल खेलदार, विधानसभा उपाध्यक्ष, कांग्रेस। ……………. हमने कई बार लिखे पत्र हमने सीबीसी मशीन ठीक करवाने के लिए कंपनी को कई बार पत्र लिखे है। प्रतिदिन कम्पनी प्रतिनिधियों के बात करता हूं। वहां से जल्द ही ठीक करवाने का आश्वासन मिलता है, लेकिन अभी तक इसे ठीक नहीं किया गया। इससे मरीज परेशान है। सीबीसी मशीन को शीघ्र ही ठीक करवाने के प्रयास जारी है।
ड़ॉ.ज्ञानेन्द्र बसंल, प्रभारी, सीएचसी लक्ष्मणगढ़।