भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया गुरुवार को भाजपा अलवर जिला दक्षिण की कार्यसमिति की बैठक के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले भाजपा पर आरोप लगते थे कि उसके पास लीडरशिप नहीं है, लेकिन अब प्रचारित किया जा रहा है कि पार्टी में मुख्यमंत्री पद के 10 दावेदार हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन संसदीय बोर्ड जिसका नाम तय करेगा हम सब उनके साथ होंगे। यह तय है कि 2023 के लिए भाजपा प्रतिबदृध है। उन्होंने कहा कि यह तो तय है कि 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तो नहीं होगी। पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा की ओर से वसुंधरा राजे व संगठन को लेकर की गई बयानबाजी पर उन्होंने कहा कि यह मामला अभी पार्टी की अनुशासन समिति के पास है, लेकिन ऐसे मसले पार्टी के भीतर रखे जाने चाहिए, न कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर। सभी को शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।
सरकार मेवात पर श्वेत पत्र जारी करे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार से मेवात में धर्मांतरण, लव जेहाद, बलात्कार, भूमि पर जबरन कब्जे सहित अन्य अपराध तेजी से बढे हैं। उनकी अपुष्ट सूचना के अनुसार मेवात में पिछले ढाई साल में करीब 5 लोगो का धर्मांतरण कराया गया है। अलवर में सामूहिक बलात्कार की घटनाओं में तेजी आई है। उन्होंने राज्य सरकार से मेवात पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। विहिप एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुशांघिक संगठनों ने मेवात में बढते अपराधों पर रोक की मांग को लेकर बुधवार को ही मौन जुलूस निकाल ज्ञापन सौंपा है।
भाकियू ने दिखाए काले झंडे पूनिया के अलवर आगमन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों की ओर से ढाई पेडी व कटीघाटी पर कृषि बिल के विरोध में काले झंडे दिखाए और कषि बिल वापस लेने की मांग की। इस पर पूनिया ने कहा कि यह परिपाटी सही नहीं है, विरोध करने वाले किसान नहीं हो सकते। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के अलवर आगमन पर लगाए गए होर्डिंग्स में वसुंधरा राजे और वसुंधरा राजे समर्थकों के होर्डिंग्स में सतीश पूनिया के फोटो नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह प्रशंसकों पर निर्भर है कि किसका फोटो लगाए, यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में नहीं आता।
जुगाड की सरकार, बिखरेगी जरूर भाजपा अलवर दक्षिण जिला कार्यसमिति की महावर आडिटोरियम में हुई बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि राज्य में जुगाड की सरकार है। कोरोन काल राज्य सरकार के लिए अवसर के रूप में आया है, लेकिन ये जुगाड़ जल्द ही बिखरेगा जरुर। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने आज तक गहलोत सरकार जैसी निकम्मी और नकारा सरकार नहीं देखी। यह सरकार अंतर्कलह के चलते ढाई साल के कार्यकाल में जनता की अपेक्षा पर खरा नहीं उतर सकी। बैठक के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व कोरोना गाइडलाइन का कई बार उल्लंघन होता दिखा।