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अलवर

बिजली के सर्किट व ट्रांसफॉर्मर के कॉपर बेचान में पकड़ा लाखों का खेल

पिछले माह गार्ड ने पकड़वाया मिलीभगत का खेल
ठेकेदार से पांच लाख रुपए की वसूली की
 

अलवरOct 14, 2019 / 09:32 pm

Dharmendra Yadav

बिजली के सर्किट व ट्रांसफॉर्मर के कॉपर बेचान में पकड़ा लाखों का खेल

अलवर.
बिजली निगम खुद दोहरे करंट की चपेट में है। एक तरफ विद्युत चोरी के घाटे की भरपाई नहीं हो पा रही और दूसरी तरफ निगमकर्मियों की देखरेख में कबाड़ को बेचने में मोटा चूना लगने लगा है। करीब एक महीने पहले ही जयपुर विद्युत वितरण निगम के अलवर कार्यालय में गार्ड की सावधानी से ट्रांसफॉर्मर के कबाड़ में बड़ी धांधली पकड़ में आई। बाद में जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों ने खुद का बचाव करते हुए कबाड़ उठाने वाली फर्म के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया और उससे ५.१८ लाख रुपए की वसूली की। जिम्मेदारों की लापरवाही या मिलीभगत की जांच होती तो कई कर्मचारियों पर गाज गिरती। लेकिन, एेसा नहीं किया।
१५० वैक्यूम सर्किट ब्रेकर बेचे, काटे ट्रांसफॉर्मर भी

निगम में गत सितम्बर माह में अलवर के ईटाराणा स्थित गोदाम नम्बर दो में पड़े करीब १५० वैक्यूम सर्किट ब्रेकर नीलामी में बेचे। सम्बंधित फर्म के प्रतिनिधियों ने गोदाम में आकर सर्किट ब्रेकर के साथ पास में पड़े १० सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर के तांबे के तार भी निकाल कर ट्रक में लोड कर लिए। गार्ड की नजर पडऩे पर उच्चाधिकारी को शिकायत की। इसके बाद मामला पकड़ में आ गया। कई दिनों तक कुछ नहीं किया गया। बाद में मामला आगे तक पहुंचा तो दोषी अधिकारी व कर्मचारियों को बचा दिया और कबाड़ खरीदने वाली फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।
समिति की पूरी जिम्मेदारी

कबाड़ को बेचान समिति की देखरेख में होता है। समिति सदस्यों के सामने कबाड़ सौंपा जाता है। समिति में सहायक भण्डार नियंत्रक, भण्डार अधीक्षक, सहायककर्मी सहित अन्य कर्मचारी भी होते हैं। जिनकी जिम्मेदारी होती है कि कबाड़ भरते समय एक-एक सामान पर नजर रखें। लेकिन, हकीकत यह है कि कबाड़ी के ट्रक में कबाड़ भरते समय सब गायब हो गए। इस बीच कबाड़ी ने पास में पड़े ट्रांसफॉर्मर काट दिए। उनका लाखों रुपए का तार ट्रक में भर लिया। गार्ड की शिकायत पर कबाड़ वापस उतरवाया। फिर सम्बंधित फर्म से ५.१८ लाख रुपए की वसूली की। यह भी पता चला कि इससे पहले भी एेसा होता रहा है। काफी संख्या में खुले पड़े ट्रासफॉर्मर के तार भी गायब हैं। जिनका पूरा हिसाब नहीं है।
क्या है वैक्यूम सर्किट ब्रेकर

ट्रांसफॉर्मर पर वॉल्टेज नियंत्रित करने के लिए वैक्यूम सर्किट ब्रेकर लगाया जाता है। एक ब्रेकर में करीब ५०० किलो वजन होता है। जिसे क्रेन से उठाते हैं। सर्किट ब्रेकर में कापर, तांबा, पीतल व लोहा होता है। जिसे स्कै्रप में बेचान किया जाता है। एक सर्किट ब्रेकर में करीब १०० से १५० किलो तार होता है। जिसका बाजार में भाव करीब ४०० से ५०० रुपए किलो है। इसी तरह सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर व थ्री फेज ट्रंासफॉर्मर में भी तांबे के तार होते हैं। जिनका भाव अधिक रहता है।
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दोबारा से जांच होगी

इस मामले में फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। पैसा भी वसूल किया है। जिस समिति की जिम्मेदारी थी उनकी गैर मौजूदगी में कबाड़ ट्रक में लोड किया है। इसकी दोबारा से जांच कराएंगे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
जीएस पाठक, अधीक्षण अभियंता, इंस्पेक्शन एण्ड स्टोर, जेवीवीएनएल जयपुर

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