अब तक डिग्रियों के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय से लेकर कॉलेजों तक दौड़ लगानी होती थी। तमाम विद्यार्थी डिग्रियां भी नहीं ले जा पाते थे। वह दूसरे राज्यों में भी चले गए। ऐसे में छात्रों को डिग्रियां मिल सकें और उनकी भागदौड़ न हो। इसी को देखते हुए ये ऑनलाइन की जा रही हैं। विश्वविद्यालय स्नातक व परास्नातक दोनों कक्षाओं की वर्ष 2017 से 2022 तक की डिग्रियां ऑनलाइन करेगा। बताते हैं कि डिग्रियां पासवर्ड आदि के जरिए डाउनलोड होंगी। इसकी पूरी प्रक्रिया विश्वविद्यालय बना रहा है। बताते हैं कि एक साल में लगभग 50 हजार छात्र पासआउट होते हैं। इस तरह पांच साल में करीब ढाई लाख छात्रों की डिग्रियां ऑनलाइन होंगी।
युवती को गोद में उठा कर फेरे लेने का वीडियो वायरल, लोगों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन
डिग्रियां डिजी लॉकर पर होंगी अपलोड
विवि की ओर से वर्ष 2017 से 2022 तक की सभी डिग्रियों को डिजी लॉकर पर अपलोड कर दिया जाएगा। ये डिग्रियां सभी संस्थाओं में मान्य होंगी। इससे छात्रों को बड़ा लाभ मिलेगा।
डॉ. आशुतोष, सहायक कुल सचिव मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर