भिवाड़ीवासियों के ध्यान में लाना चाहेंगे कि बीडा ने क्षेत्र में खुली जगहों, पार्क और रोड साइड में करीब 32 हजार छायादार पौधे लगाने के लिए डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए के दो टेंडर जारी कर संबंधित फर्म को तय समय में कार्य पूरा करने को कहा गया था, लेकिन तय अवधि में फर्म की ओर से पूरा कार्य करना संभव नहीं लग रहा। संबंधित फर्म को तीन नवंबर तक जिस अनुपात में पौधे लगाने थे, उतने नहीं लगा पाई।
तय समय में पौधरोपण का काम नहीं होने पर बीडा सीईओ की ओर से नाराजगी जताई गई। जिसके बाद जिसके बाद संबंधित फर्म के संवेदक को नोटिस जारी कर दिया। अब 25 नवंबर तक काम पूरा नहीं होने पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। बीडा ने 32 हजार पौधे लगाने और उनके रख-रखाव का टेंडर जिसे जारी किया था। उस फर्म को तीन साल तक पौधों की देखरेख के साथ खराब, मुरझाए और टूटने वाले पौधे की जगह दूसरे पौधे लगाना भी है। बीडा ने सभी पौधों की जियो टेंगिंग कराकर मोबाइल एप से निगरानी की योजना भी बनाई थी, लेकिन पौधरोपण का काम ही समय अवधि में पूरा नहीं हुआ। जिससे बीडा की नवाचार की कोशिश को झटका लगा है। हालांकि बीडा की ओर से पौधरोपण के लिए अभी संवेदक को कोई भुगतान नहीं किया है।
आयोग ने दिया था 10.55 लाख पौधों का लक्ष्य
भिवाड़ी में पौधरोपण का कार्य हमेशा से ही संदेह से घिरा रहा है। इस बार भी वायु गुणवत्ता आयोग ने सभी विभागों के लिए 10.55 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। मानसून से पूर्व आयोग ने रीको, बीडा, वन विभाग, शिक्षा, एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की बैठक भी की थी। जिसमें सभी विभागों के अधिकारियों ने भिवाड़ी सहित एनसीआर में हवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण पर जोर दिया था। इसमें वन विभाग ने 7.30 लाख, रीको ने 1.3 लाख, शिक्षा विभाग ने एक लाख, एनएचएआई ने 51 हजार, पीडब्ल्यूडी ने 36 हजार, बीडा ने 32 हजार और नगर परिषद ने तीन हजार पौधे लगाने का लक्ष्य आयोग के सामने रखा था। हालांकि कुछ स्थानों पर पौधरोपण भी किया गया है, लेकिन पूर्ण लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया है। इन दिनों भिवाड़ी की आबोहवा शुद्ध होने के बजाय, पूरा एरिया प्रदूषणयुक्त स्मॉग के आगोश में डूबा है।