अलवर

प्रदूषण में फिर नंबर एक बनने की राह पर भिवाड़ी, इस बार मई में दिसंबर जैसा वायु प्रदूषण, आफत में सांसें

Pollution In Bhiwdi: भिवाड़ी में पिछले साल के मुकाबले वायु गुणवत्ता का स्तर खराब हो गया है। पत्रिका ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो सामने आया कि गत वर्ष मई माह में भिवाड़ी का वायु गुणवत्ता स्तर 100 से 150 के बीच था। इस साल यह स्तर 250 से 340 के बीच है।

अलवरJun 10, 2022 / 08:23 pm

Hiren Joshi

प्रदूषण में फिर नंबर एक बनने की राह पर भिवाड़ी, इस बार मई में दिसंबर जैसा वायु प्रदूषण, आफत में सांसें,प्रदूषण में फिर नंबर एक बनने की राह पर भिवाड़ी, इस बार मई में दिसंबर जैसा वायु प्रदूषण, आफत में सांसें,प्रदूषण में फिर नंबर एक बनने की राह पर भिवाड़ी, इस बार मई में दिसंबर जैसा वायु प्रदूषण, आफत में सांसें

अलवर. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल भिवाड़ी वर्ष 2021 में विश्व का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया। पूरे विश्व की नकारात्मक सुर्खियों में रहने के बाद भी जिम्मेदार विभाग यहां प्रदूषण को कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। मई माह में भिवाड़ी का एयर क्वालिटी इडेंक्स 250 से 300 के बीच रहा। आमतौर पर अक्टूबर से फरवरी के बीच सर्दियों में इतना एक्यूआइ रहता है। यही स्थिति रही तो इस साल भी भिवाड़ी विश्व का सबसे प्रदूषित शहर घोषित हो सकता है। वर्ष 2021 में आइक्यूएयर की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार भिवाड़ी में पीएम 2.5 का औसत स्तर 106 दर्ज किया गया था। लेकिन इस साल मई माह मे ही भिवाड़ी की वायु गुणवत्ता का स्तर 300 के पार पहुंचा है। 1 जून को भिवाड़ी विश्व के सवार्धिक प्रदूषित शहरों में शामिल रहा। इस दिन भिवाड़ी का एक्यूआइ 330 दर्ज किया गया।
पिछले साल से वायु गुणवत्ता का स्तर दोगुना खराब

भिवाड़ी में पिछले साल के मुकाबले वायु गुणवत्ता का स्तर खराब हो गया है। पत्रिका ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो सामने आया कि गत वर्ष मई माह में भिवाड़ी का वायु गुणवत्ता स्तर 100 से 150 के बीच था। इस साल यह स्तर 250 से 340 के बीच है। वहीं वर्ष 2020 में कोरोना में लॉकडाउन के दौरान हवा काफी साफ हो गई थी, उस समय एक्यूआइ 50 से 90 के बीच था।
सालभर कार्रवाई नहीं, सर्दियों में झेलते हैं प्रदूषण

प्रदूषण को लेकर भिवाड़ी में जिम्मेदार विभाग गंभीर नहीं है। सालभर प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते। इस कारण सर्दियों में इकाइयों को प्रतिबंध झेलने पड़ते हैं। पिछली सर्दियों में ग्रेप के दौरान करीब चार माह अलवर जिले में ईंट-भट्टे, स्टोन क्रेशर, हॉट मिक्स प्लांट, डीजल जेनेरेटर पर रोक लगाई गई। इस कारण कई उद्योग बंद रहे और आर्थिक नुकसान हुआ।

वर्ष 2021 और 2022 में वायु गुणवत्ता की तुलना
2022

दिनांक वायु गुणवत्ता
29 मई 258
30 मई 308
31 मई 255
1 जून 330
2 जून 243

2021

29 मई 102
30 मई 162
31 मई 113
1 जून 205
2 जून 152

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