बताते हैं कि नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव कराने का जिम्मा अलवर के पास ही रहेगा। इसीलिए परिसीमन में भी पेच फंसा हुआ है। यहां चुनाव की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है। 15 व 16 जून को जयपुर में चुनाव आयोग की बड़ी बैठक होने जा रही है जिसमें जिले के भी अफसर भाग लेंगे। उसके बाद पूरी तरह जिला चुनावी मोड़ में आ जाएगा।
जिला प्रशासन की ओर से करीब 4 हजार ईवीएम की जांच यहां चुनाव आयोग की टीम ने की। करीब 12 इंजीनियर इस कार्य में लगाए गए। नेताओं को भी बुलाया गया। बताते हैं कि ईवीएम की जांच होने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा में पैक करके स्ट्रॉंग रूम में रखा जाता है। ऐसे में अब ईवीएम चुनाव के दिन ही बाहर आएंगे। बताते हैं कि इन्हें अभी दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता या फिर चुनाव आयोग की अनुमति की आवश्यकता होगी।
नए जिले में वहां की व्यवस्था के अनुसार चुनाव कराने के लिए राजनीतिक दलों की तैयारियां भी जरूरी हैं। बताते हैं कि प्रमुख दलों के पास अभी यह ढांचा तैयार नहीं हो पाया है। यदि वहां अचानक चुनाव होंगे तो स्थानीय नेता अपनी सीटें यहां मजबूत करने में समय देंगे। ऐसे में वहां पार्टियां कमजोर साबित हो सकती हैं। उन्हें पदाधिकारियों घोषणा से लेकर तमाम तैयारियां करनी होंगी।